लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद का जिला महिला अस्पताल मरीजों की इलाज के बजाये बारातियों के ठहरने के लिए बारातघर बना दिया गया। हुआ यूं कि एक स्वीपर की बेटी की शादी के लिए आई बारात को अस्पताल में ही ठहरा दिया गया। बारात के शोर शराबे और धूम.-धड़ाके के चलते वहां भर्ती मरीज परेशान होते रहेए लेकिन उनका इलाज करने की बजाय अस्पताल के डॉक्टर भी शादी में ठुमके लगाते दिखे।
मामला सामने आने के बाद अब इसमें कार्रवाई हुई है और मंगलवार को सीएमओ डॉ दीपक औहरी ने महिला अस्पताल पहुंचकर निरीक्षण किया। उन्होंने चौकीदार सुभाष के अलावा स्वीपर माया देवी को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलवा उन्होंने सीएमएस से भी जवाब तलब किया गया है कि लापरवाही किस स्तर से बरती गई। कैसे नियमों को दरकिनार कर शादी समारोह का आयोजन करा दिया गया।
गौरतलब है कि रविवार रात कस्तूरबा राजकीय जिला महिला चिकित्सालय में एक स्वीपर की बेटी की शादी का आयोजन किया गया। अस्पताल को पूरी तरह से सजाया गया। जहां से मरीज अस्पताल में अंदर घुसते हैं उसे पूरी तरह से ढंक दिया गया। इससे मरीजों को खासी परेशानी हुई। अंदर ही तेज आवाज में डीजे बज रहा था जिसपर लोग झूमझूम कर नाच रहे थे। तेज आवाज वाली आतिशबाजी भी होती रही।
रात भर डीजे की धमक से प्रसूता और नवजात बेचैन रहे। तीमारदार इधर से उधर घूमते रहे और डीजे बंद कराने के लिए चिकित्सक-कर्मचारियों से गुहार लगाते रहे। बाराती भी मरीजों के दर्द को अनदेखा करते हुए अपनी ही धुन में मग्न थे। पूरी रात मरीज मदद की गुहार लगाते रहेए लेकिन कोई भी अफसर देखने के लिए नहीं झांका।
मामला जब मीडिया में पहुंचा तो हड़कंप मच गया। सोमवार तक गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने वाले अफसरों ने मंगलवार को जांच कर कार्रवाई करने का दावा शुरू कर दिया। मंगलवार दोपहर सीएमओ डॉ दीपक औहरी जिला महिला अस्पताल पहुंचे और संबंधित स्वीपर से सवाल.जवाब किए। साथ ही चिकित्सक, कर्मियों से पूछा कि अस्पताल परिसर में किसकी अनुमति से शादी का आयोजन कर दिया गया।