बाबा रामदेव पतंजलि प्रोडेक्टस को 100% शुद्ध बताते हैं। लेकिन उनका ये दावा कोलकाता की सेंट्रल फूड लैबरेटरी ने फेल कर दिया है। जिसके बाद से कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (CSD) ने योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि में निर्मित आंवला जूस की बिक्री पर रोक लगा दी है। यह पहला मौका नहीं है, जब पतंजलि आयुर्वेद अपने दावों को लेकर रेग्युलेटर्स के साथ विवादों में घिरी है। इससे पहले बिना लाइसेंस के नूडल्स और पास्ता बेचने के लिए उसकी खिंचाई की गई थी।
यूपी एटीएस की पूछताछ में आतंकियों ने खोला सबसे बड़ा राज, ये था खतरनाक प्लान…बता दें कि सीएसडी ने 3 अप्रैल 2017 को लिखे गए एक लेटर में अपने सभी डिपो से कहा कि वे मौजूदा स्टॉक के लिए एक डेबिट नोट बनाएं ताकि उसे लौटाया जा सके। पतंजलि आयुर्वेद ने शुरुआत में जो उत्पाद बाजार में उतारे थे, उनमें आंवला जूस शामिल था। बाजार में आंवला जूस की सफलता ने कंपनी को दो दर्जन से ज्यादा कैटिगरीज में प्रॉडक्ट पेश करने में मदद की थी। कंपनी ने अपने प्रॉडक्ट्स को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पादों के मुकाबले सेहत के लिए बेहतर बताया था।
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मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने बताया, ‘इस बैच की जांच कोलकाता की सेंट्रल फूड लैबरेटरी में की गई थी। जांच में उसे उपभोग के लिए ठीक नहीं पाया गया। पतंजलि ने आर्मी की सभी कैंटीनों से आंवला जूस को वापस ले लिया है।’ सीएसडी और पतंजलि, दोनों ने ही इस संबंध में ईमेल से भेजे गए सवालों के जवाब नहीं दिए।
कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट के रिटेल आउटलेट्स में बिस्किट्स से लेकर बीयर, शैंपू और कार तक 5300 प्रॉडक्ट्स करीब 1.2 करोड़ उपभोक्ताओं को बेचे जाते हैं। इन उपभोक्ताओं में आर्मी, नेवी, एयरफोर्स के लोग और उनके परिवारों के अलावा एक्स-सर्विसमेन और उनके परिवार शामिल हैं। सीएसडी की शुरुआत 1948 में की गई थी। इसका मैनेजमेंट रक्षा मंत्रालय करता है। इसके तहत 3901 कैंटीन और 34 डिपो हैं। ज्यादातर कन्ज्यूमर प्रॉडक्ट कंपनियों के लिए सीएसडी के जरिए होने वाली बिक्री उनकी टोटल वॉल्यूम सेल्स का 5-7 पर्सेंट है।