लखनऊ: मोहनलालगंज इलाके में पत्नी के सामने पिटाई से क्षुब्ध एक प्राइवेट चालक ने अपने घर में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। पिटाई का आरोप एक नर्सिंग होम के संचालक व उसके बेटे पर लगा है। इस संबंध में दोनों के खिलाफ रात को ही मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद चालक ने अपने घर में आत्महत्या कर ली।

सीतापुर जनपद निवासी 40 वर्षीय नरेन्द्र सिंह चौहान पेशे से चालक था। कुछ समय पहले वह हत्या के मामले में जेल गया था और एक साल पहले ही जमानत पर रिहा होकर आया था। इसके बाद नरेन्द्र अपनी पत्नी अंजू ,एक बेटी व बेटे के साथ मोहनलालगंज के अतरौली स्थित ससुराल में ही रहने लगा था। नरेन्द्र के जेल में रहते हुए अंजू ने मोहनलालगंज इलाके में ही स्थित भारतीय नर्सिंग होम में बतौर आया की नौकरी करने लगी थी। जेल से आने के बाद नरेन्द्र पत्नी से नौकरी छोडऩे की बात कह रहा था पर अंजू उसकी बात मानने के लिए तैयार नहीं थी। बताया जाता है कि बुधवार की रात को अंजू की रात की ड्यूटी थी और वह नर्सिंग होम काम पर गयी थी। रात करीब डेढ़ बजे नरेन्द्र नर्सिंग होम पहुंचा और पत्नी से झगड़ा करने लगा।
इस बीच नर्सिंग होम के संचालक शरद गुप्ता और उनका बेटा हर्ष वहां आ गये। उन लोगों ने नरेन्द्र को ऐसा न करने के लिए कहा तो नरेन्द्र उन दोनों से ही झगड़े लगा। आरोप है कि इस पर शरद और उनके बेटे ने नरेन्द्र को पीट दिया। इसके बाद नरेन्द्र वहां से सीधे मोहनलालगंज कोतवाली पहुंचा। उसने इस संबंध में नर्सिंग होम के संचालक और उसके बेटे के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करायी। पुलिस ने नरेन्द्र का मेडिकल भी कराया। इस सब के बाद नरेन्द्र वहां से घर चला आया। सुबह करीब 5 बजे नरेन्द्र की बड़ी बेटी जब सोकर उठी तो देखा कि पिता ने घर में पंखे के कुण्डे में साड़ी के सहारे लटक कर अपनी जान दे दी। बेटी ने इस बात की खबर मां को दी। खबर पाकर पत्नी भी घर पहुंच गयी। सूचना मिलते ही मोहनलालगंज पुलिस भी नरेन्द्र के घर आ गयी।
छानबीन के बाद पुलिस ने नरेन्द्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस बारे में जब इंस्पेक्टर मोहनलालगंज से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि नरेन्द्र की आत्महत्या के मामले में अभी किसी ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी है। अगर कोई शिकायत करता है तो रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
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