कोलकाता: कोलकाता के एक फैमिली कोर्ट ने मंगलवार को 70 साल के एक शख्स को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

उस पर आरोप है कि वह अपनी पत्नी को ऐलमोनी की रकम में कानूनी रूप से मान्य मुद्रा की बजाए 500-1000 के नोट दे रहा था। जज ने फैसला सुनाया है कि जब तक बुजुर्ग व्यक्ति अपनी पत्नी को ऐलमोनी की पूरी रकम नहीं दे देता उसकी रिहाई नहीं होगी।
कॉलेज स्ट्रीट के रहने वाले एक रिटायर्ड इंजिनियर पिछले कई सालों से अपनी पत्नी से अलग होने का केस लड़ रहे हैं। फैमिली कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि रिटायर्ड इंजिनियर हर महीने अपनी पत्नी को 8 हजार रुपये गुजारा भत्ता देंगे। लेकिन इस शख्स ने पिछले चार साल से कोई पैसा नहीं दिया है और नवंबर महीने तक की रकम ढाई लाख रुपये पहुंच गई है। बार-बार कहने के बाद भी जब उस शख्स ने पैसे नहीं दिए तो फैमिली कोर्ट के जज श्यामल बिस्वास ने 8 नवंबर को उसे जेल में डालने का फैसला सुनाया।
रिटायर्ड इंजिनियर के वकील प्रताप डे ने बताया, उसके भाई ने ऐलमोनी की रकम देने के लिए किसी तरह लोन इक्ट्ठा कर 2 लाख रुपयों का इंतजाम किया। लेकिन जब तक उसके भाई ने पूरी रकम का जुगाड़ किया 500-1000 के नोट कानूनी तौर पर मान्य नहीं रहे। अब इंजिनियर के परिवार वालों के पास रकम को बदलने का कोई जरिया नहीं है। मंगलवार को उसका भाई कोर्ट में पूरी रकम लेकर मौजूद था। लेकिन इनमें से अधिकतर नोट 500-1000 के थे।
500-1000 के नोट देखकर इंजिनियर की पत्नी ने पैसे लेने से मना कर दिया। हालांकि इंजिनियर के वकील ने कोर्ट में इस बात को लेकर बहस भी की कि 500-1000 के नोट भले ही बंद हो गए हों लेकिन बैंक इसे स्वीकार कर रहे हैं और रकम को बैंक में जमा कराया जा सकता है। लेकिन उसने इस बात से भी इनकार कर दिया। जब परिवारवालों ने चेक या डिमांड ड्राफ्ट के जरिए पैसे देने की बात कही तो वह इसके लिए भी तैयार नहीं हुई। उसके ऐसा करने की वजह से उस बुजुर्ग व्यक्ति को जेल में रहना पड़ रहा है।
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