बॉलीवुड को कपूर खानदार से दो फीमेल सुपरस्टार मिलीं। करिश्मा कपूर और करीना कपूर। करीना-करिश्मा से पहले कपूर खानदान की किसी भी लड़की ने फिल्मों में काम नहीं किया था। फिल्मों में आने के बाद दोनों बहनों ने खूब नाम कमाया। आज इनके पिता रणधीर कपूर का 71वां जन्मदिन है। रणधीर ने अपनी बेटियों को पहचान दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जानिए रणधीर कपूर के बारे में अनसुने किस्से…
राज कपूर के बेटे रणधीर कपूर ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘श्री 420’ से चाइल्ड एक्टर के तौर पर की थी। 1971 में आई फिल्म ‘कल आज और कल’ से रणधीर ने डेब्यू किया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट रही थी। इस फिल्म में रणधीर ने हीरोइन बबीता के साथ रोमांस किया था। इसके बाद उन्होंने ‘जीत’ (1972), ‘हमराही’ (1974) ‘जवानी दीवानी’ (1972), ‘लफंगे’ (1975), ‘पोंगा पंडित’ (1975), ‘भला मानुस’ (1976) जैसी फिल्में कीं।
रणधीर की ज्यादातर फिल्में हिट रहीं। पहली ही फिल्म में एक्ट्रेस बबीता के साथ काम करने के दौरान दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। रणधीर पंजाबी तो बबीता सिंधी परिवार से ताल्लुक रखती थीं। जब रणधीर ने परिवार से बबीता से शादी करने की बात कही तो पूरा परिवार उनके खिलाफ खड़ा हो गया।
उस समय कपूर खानदान में किसी एक्ट्रेस से शादी करना अपराध माना जाता था। रणधीर को बबीता से इतना प्यार था कि वो उनसे शादी करने के लिए अपने परिवार से रिश्ता तोड़ने को तैयार हो गए थे। बबीता के कहने पर उन्होंने अपने पिता राज कपूर से रिश्ते की बात की थी। लेकिन राज कपूर बबीता को अपनी फिल्मों की हीरोइन बनाने को तैयार थे लेकिन घर की बहू नहीं।
रिश्ते से मना करने के बाद भी रणधीर और बबीता का प्यार गुपचुप चलता रहा। आखिरकार बबीता ने चुप्पी तड़ी और रणधीर को चेतावनी दी कि अगर उन्हें शादी नहीं कर सकते तो वो उनको छोड़कर चली जाएंगी। रणधीर ने एकबार फिर अपने प्यार की खातिर परिवार वालों को मनाने की कोशिश की और वो सफल भी हो गए लेकिन शादी की शर्त के तौर पर बबीता को अपना फिल्मी करियर छोड़ना पड़ा।
साल 1971 में बबीता और रणधीर कपूर ने शादी कर ली। ये शादी बहुत ही साधारण तरीके से हुई थी। शादी के समारोह में केवल परिवार वाले ही शामिल थे। शादी के बाद से रणधीर और बबीता एक अलग फ्लैट में रहते थे। 1974 में करिश्मा और 1980 में करीना का जन्म हुआ। बबीता ने तो अपना फिल्मी करियर छोड़ दिया था लेकिन वो अपनी बेटियों को एक्ट्रेस बनाना चाहती थीं।
इस बात के लिए रणधीर कपूर तैयार नहीं थे लेकिन बबीता ने फैसला कर लिया था। करिश्मा ने बॉलीवुड में कदम रखा तो रणधीर और बबीता का रिश्ता टूटने की कगार पर आ गया। 1988 में बबीता अपनी दोनों बेटियों के साथ रणधीर को छोड़कर चली गईं और दोनों बेटियों का करियर बनाने में लग गईं। साल 2007 में दोनों फिर एक हुए। बेटियों का करियर बनाने की वजह से बबीता को 19 साल तक रणधीर से अलग रहना पड़ा।