अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में रावण देहन के दौरान हुए दर्दनाक हादसे में लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है। फिलहाल यह सवाल सबसे अहम है। अभी तक इस घटना में प्रशासनिक लापरवाही से बड़ा हादसा हुआ है। हादसे के बाद लोगों में प्रशासन को लेकर काफी नाराजगी है। इस हादसे में 50 से अधिक लोगों की मौत की खबर है।
बताया जाता है कि विजयदश्मी के मौके पर अमृतसर के जौड़ा फाटक के पास स्थित एक मैदान में दशहरा का उत्सव देख रहे थे। उत्सव देखते.देखते ये सभी लोग रेलवे ट्रैक पर आ गए। तभी अमृतसर- दिल्ली रेलवे ट्रैक पर सौ से अधिक स्पीड में दो ट्रेने आ गई। हादसा अमृतसर के रेलवे फाटक नंबर 27ब के पास हुआ।
डीएमयू 74943 और हावड़ा एक्सप्रेस एक साथ विपरीत दिशा में गई। इस सबके बीच अभी तक कुछ लापरवाही भी निकल कर सामने आ रही है। प्रशासन की पहली लापरवाही ये थी कि आयोजन के लिए कोई इजाजत नहीं दी गई थी। वहीं दूसरी सबसे बड़ी चूक मैदान में लगी एलईडी लाइटें को रेलवे ट्रैक की ओर लगा दिया गया था।
जिस वजह से लोग रेल ट्रैक नहीं देख पाए। वहीं तीसरी सबसे बड़ी चूक पटाखों की आवाज को माना जा रहा । पटाखों का शोर इतना था कि लोगों को ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी और ये बड़ा हादसा हो गया। हादसे के बाद रेलवे प्रशासन के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। वहीं राहत एंव बचाव कार्य शुरु कर दिया गया।
दशहरा का आयोजन करने वाली कमेटी की सबसे बड़ी लापरवाही है। हादसे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दुख जताया है। उन्होंने कहाए अमृतसर में दुखद रेल दुर्घटना के बारे सुनकर चौंक गया हूं। दुख के इस घड़ी में सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को खुले रहने के लिए कहा गया है। जिला अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरु करने का निर्देश दिया गया।