इन दिनों भारतीय टीम तो इंग्लैंड के दौरे पर है ही, इसके साथ ही साथ इंडिया ए की टीम भी इंग्लिश धरती पर दम दिखा रही है। इंडिया ए टीम इंग्लैंड दौरे पर है और वो वेस्टइंडीज ए के खिलाफ चार दिनों का अनाधिकारिक टेस्ट मैच खेल रही है। इस मैच में पृथ्वी शॉ मैच की पहली ही गेंद पर आउट हो गए और फिर उन्होंने विरोधी टीम पर अपना गुस्सा कुछ इस तरह से उतारा।
इस मैच में भारतीय टीम की कप्तानी करुण नायर कर रहे हैं और उन्होंने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया। पृथ्वी शॉ ओपनिंग करने के लिए मैदान पर उतरे और वो मैच की पहली ही गेंद पर बोल्ड हो गए। उन्हें केमार होल्डर ने मैच की पहली गेंद पर आउट कर दिया। इसके बाद पहली पारी में भारत ए की पूरी टीम 133 रन बनाकर सिमट गई। विंडीज ए ने पहली पारी में एमब्रिस (128) के शतक की बदौलत 383 रन बनाए। भारत ए की ओर से अंकित राजपूत ने चार विकेट लिए।
इंडिया ए की टीम दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने उतरी तो पृथ्वी शॉ ने पिछली पारी में पहली गेंद पर आउट होने का गुस्सा उतारते हुए विंडीज़ ए के गेंदबाज़ों की जमकर पिटाई की। जो भी गेंदबाज़ आता पिट कर ही जाता। वेस्टइंडीज ए के खिलाफ दूसरी पारी में इंडिया ए के बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने कमाल की वापसी करते हुए 188 रन की पारी खेली। पृथ्वी ने वनडे अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए 169 गेंदों का सामना करते हुए 188 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में 28 चौके और 2 छक्के लगाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 111.24 का रहा।
दौरे पर ठोका तीसरा शतक
दूसरी पारी में शॉ ने मयंक अग्रवाल के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 181 रन की साझेदारी की। इसके बाद उन्होंने रविकुमार समर्थ के साथ मिलकर इंडिया ए की पारी को आगे बढ़या। समर्थ ने भी शतक जमाया और भारत ए को बड़े स्कोर की ओर बढ़ा दिया। समर्थ ने 202 गेंदों पर 137 रन बनाए। पृथ्वी और समर्थ ने मिलकर 158 रन की साझेदारी की। इस दौरे पर ये पृथ्वी का तीसरा शतक रहा। इससे पहले उन्होंने वेस्टइंडीज ए के खिलाफ पिछले मुकाबले में 102 रन की पारी खेली थी जबकि लेक्स के खिलाफ 132 रन की पारी खेली थी। इसके अलावा उनकी सबसे बड़ी पारी इसीबी इलेवन के खिलाफ 70 रन की रही थी।
भारत को बना चुके हैं अंडर 19 विश्व कप का चैंपियन
भारत ने पृथ्वी शॉ की कप्तानी में इसी साल अंडर 19 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। फाइनल मैच में भारत ने 08 विकेट ऑस्ट्रेलिया को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की थी। ये चौथा मौका था जब भारत ने इस खिताब पर कब्ज़ा जमाया।
546 रन ने दिलाई सुर्खियां
पृथ्वी जब तीन साल के थे तब उनकी मां का निधन हो गया था। सात-आठ साल के हुए तो क्रिकेट खेलने का जुनून हावी हो गया। जुनून भी ऐसा कि क्रिकेट के अलावा कभी कुछ और सोचा ही नहीं। पृथ्वी को सबसे पहले सुर्खियों तब मिलीं जब उन्होंने नवंबर 2013 में 14 साल की उम्र में स्कूली मैच में 330 गेंदों पर 546 रन जड़े थे, लेकिन इसके बाद उनकी फॉर्म उनसे रूठ गई। इसके साथ ही उन्होंने सचिन तेंदुलकर के रणजी और दलीप ट्रॉफी के पदार्पण मैच में शतक जडऩे के रिकॉर्ड की बराबरी भी की हुई है।