नई दिल्ली। भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाने के बाद इस भारतीय गेंदबाज को जैसे ही वनडे सीरीज में मौका मिला, उसने यहां भी खुद को साबित कर दिया। भारत के लिए खेले अब तक एकमात्र टेस्ट मैच में बेहतरीन गेंदबाजी करने वाले इस गेंदबाज ने दिखा दिया कि वनडे क्रिकेट में भी वो लंबी रेस का घोड़ा साबित हो सकता है।
कुलदीप यादव के लिए यादगार रहा वनडे सीरीज
भारत वनडे टीम में शामिल हुए पहले चाइनामैन गेंदबाज से सबको काफी उम्मीदें थीं। वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्हें वनडे सीरीज में मौका दिया गया और उनसे जैसी प्रदर्शन की उम्मीद थी उन्होंने वैसा कर दिखाया। कुलदीप यादव के लिए ये वनडे सीरीज यादगार बन गई और हो भी क्यों नहीं क्योंकि वो इस वनडे सीरीज में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। उन्होंने पांच वनडे मैचों में कुल 8 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 41 रन देकर 3 विकेट रहा। कुलदीप का इन मैचों में इकॉनामी रेट 4.05 का रहा। हालांकि कुलदीप अपने पदार्पण वनडे में नहीं खेल पाए थे क्योंकि बारिश की वजह से इस मैच को रद कर दिया गया था। भारत की तरफ से उमेश विकेट लेने के मामले में दूसरे नंबर पर रहे और उन्होंने 5 मैचों में 7 विकेट लिए।
भारतीय स्पिनर्स के बीच बढ़ी प्रतियोगिता
कुलदीप यादव के टीम में आने से भारतीय स्पिनर्स के बीच प्रतियोगिता बढ़ गई है। टीम में पहले से ही आर. अश्विन और रवींद्र जडेजा के तौर पर दो नियमित स्पिनर्स मौजूद हैं। कुलदीप के आने से यह प्रतियोगिता बढ़ गई है। कुलदीप पहले भारतीय चाइनामैन गेंदबाज हैं और वेस्टइंडीज के खिलाफ उनके प्रदर्शन के बाद उन्हें नजरअंदाज करना जरा मुश्किल है। वैसे भी वेस्टइंडीज के खिलाफ पांचों वनडे मैचों में कुलदीप हर मैच में अंतिम ग्यारह में मौजूद रहे लेकिन कुलदीप को अंतिम ग्यारह से नहीं हटाया गया। इससे साबित हो गया कि उन्होंने अपनी शानदार गेंदबाजी से किस तरह कप्तान विराट ही नहीं सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा।
छा गए थे पहले टेस्ट मैच में
कुलदीप यादव को धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने करियर का पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला। इस टेस्ट मैच की पहली पारी में उन्होंने 23 ओवर में 68 रन देकर 4 अहम विकेट लिए। दूसरी पारी में उन्होंने 5 ओवर में 23 रन दिए। पहले ओवर में लिए गए उनके चार विकेट ने मैच का रुख ही मोड़ दिया था और इस टेस्ट मैच में भारत को 8 विकेट से जीत मिली थी।