उत्तर प्रदेश में आज (शनिवार) पहले चरण का मतदान है. पहले चरण में कई स्टार प्रत्याशी हैं. इन सीटों पर पार्टी समेत उन उम्मीदवारों की साख भी दांव पर लगी है. पहले चरण के चुनाव में हाई-प्रोफ़ाइल ये पांच सीटें-
मेरठ
उत्तर प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी लगातार आठ बार से इस सीट से चुनाव जीत रहे हैं. बीजेपी ने एक बार फिर उन्हें यहां से उम्मीदवार बनाया है. उनका मुक़ाबला बीएसपी के पंकज जॉली और सपा-कांग्रेस गठबंधन के रफ़ीक़ अंसारी से है.
मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बात चर्चा में आए संगीत सोम को बीजेपी ने मेरठ ज़िले की सरधना सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. संगीत सोम इसी सीट से बीजेपी के विधायक हैं. 2009 में संगीत सोम मुज़फ़्फ़रनगर से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. संगीत सोम के ख़िलाफ़ समाजवादी पार्टी ने अतुल प्रधान को उतारा है जो कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेहद ख़ास बताए जाते हैं. वहीं बीएसपी ने हाफिज इमरान याक़ूब को टिकट दिया है.
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नोएडा
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और बीजेपी के प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. उन्हें मौजूदा विधायक विमला बाथम का टिकट काट कर दिया गया है.
बीजेपी के लिए सबसे सुरक्षित सीट समझी जाने के बावजूद इस वजह से पंकज सिंह के लिए यह चुनाव जीतना एक बड़ी चुनौती है. न सिर्फ़ उनकी बल्कि राजनाथ सिंह की प्रतिष्ठा भी यहां दांव पर लगी है. उनकी लड़ाई समाजवादी पार्टी के सुनील चौधरी से है.
कैराना
हिंदुओं के कथित पलायन की वजह से चर्चा में आए कैराना विधानसभा सीट से बीजेपी ने कैराना से सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को उम्मीदवार बनाया है. हुकुम सिंह ने ही सबसे पहले कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाया था.
हुकुम सिंह के सांसद बनने के बाद इस सीट पर उप-चुनाव हुआ था, जिसमें मृगांका के चचेरे भाई अनिल चौहान को बीजेपी ने टिकट दिया था. हालांकि, वो समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन से चुनाव हार गए थे.
मृगांका को टिकट मिलने पर अनिल चाहौन आरएलडी में चले गए. इस वजह से यहां चुनावी लड़ाई में भाई-बहन आमने-सामने हैं.
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थाना भवन
शामली ज़िले की धाना भवन सीट से बीजेपी के सुरेश राणा उम्मीदवार हैं. सुरेश राणा भी मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद चर्चा में आए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में उन्हें सम्मानित भी किया था. सुरेश राणा ने पिछला चुनाव आरएलडी के अशरफ़ अली से महज 265 मतों से जीता था.
इस बार उनका मुक़ाबला बीएसपी के राव अब्दुल वारिस, आरएलडी के जावेद राव और सपा-कांग्रेस गठबंधन के डॉक्टर सुधीर पँवार से है.