भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रुद्रपुर रैली में शामिल होने के लिए जाते समय 10 मिनट बाजपुर में रुके। उन्होंने दावा किया कि बाजपुर के 20 गांव की जमीन से एक भी किसान को उजड़ने नहीं दिया जाएगा और हर संभव मदद की जाएगी। उनके पिता ने एस्कॉर्ट फार्म सहित बाजपुर की अनेकों जमीनों को बचाने का काम समय-समय पर किया है और उनका पुत्र होने के नाते उनकी भी जिम्मेदारी है बाजपुर की जमीनों को बचा कर रखा जाए।

उन्होंने किसान आंदोलन में शामिल होने वाले राजनीतिक व्यक्तियों के संबंध में कहा कि जो भी नेता किसानों के समर्थन में आना चाहे वह अपनी पेंशन सरकारी सुविधा को त्याग कर हमारे साथ शामिल हो हम उसका स्वागत करेंगे राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए किसानों का मंच उपलब्ध नहीं होगा। राकेश टिकैत ने खाली होते पहाड़ों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पहाड़ में अच्छी खेती हो सकती है, हम चाहते हैं कि किसान पहाड़ों में खेती कर देश की सीमाओं की रक्षा में योगदान करें।
टिकैत ने कहा कि पहाड़ की उन्नत किस्म की फसलें देश के खाद्दान्न व्यवस्था को संपन्न करेंगी। इसे बढ़ाने के लिए उनके पास व्यापक कार्य योजना है। समय आने पर पहाड़ के किसानों के साथ भी खेती बचाओ संघर्ष की बात करेंगे। इस मौके पर जगजीत सिंह रंधावा जगतार सिंह बाजवा, रघुवीर सिंह रंधावा, सतनाम सिंह रंधावा, अजीत प्रताप सिंह, गुरचरण सिंह समेत बड़ी संख्या में किसान उनके साथ मौजूद रहे।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features