पाकिस्तान के हैदराबाद में सिंध प्रांत के लिए स्वतंत्रता के लिए एक प्रतिबंधित सिंधी संगठन जीय सिंध मुत्ताहिदा महाज (जेएसएमएम) ने प्रदर्शन किया. संयुक्त राष्ट्र से सिंध पर पाकिस्तान के अत्याचारों को नोटिस करने की मांग की है. ये प्रदर्शन पाकिस्तानी सेना और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के द्वारा सिंधी राजनीतिक कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए कर रहे है.
इस मार्च में महिलाओं, बच्चों और युवाओं ने भाग लिया. बता दें कि जेएसएमएम कार्यकर्ता सिंध विश्वविद्यालय (ओल्ड कैम्पस) से जिला प्रेस क्लब हैदराबाद में भारी रैली लेकर आए. इस प्रद्रर्शन में 1948 में ब्रिटिश औपनिवेशिक साम्राज्य द्वारा लिया गया सिंध की पूर्ण स्वतंत्रता की बहाली की मांग वाले बैनर और प्लाकार्ड लाए गए. साथ ही संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानव अधिकार संगठनों से आग्रह किया कि वे पाकिस्तान को नोटिस भेजे.
सिंध के अत्याचार और शोषण प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी कब्जे, शोषण के खिलाफ उत्साही नारे लगाए. जेएसएमएम केंद्रीय समन्वय समिति सिंध में क्रूरता, सिंधी स्वतंत्रता कार्यकर्ताओं के लागू होने वाली लापता होने और हत्याओं सहित नेता आसिफ जूनो हैदराबाद प्रेस क्लब पर मार्च के प्रतिभागियों को संबोधित किया. भारी पुलिस और रेंजरों के दल वहां पहुंचे, मार्च को बंद कर दिया और भारी बैटन चार्ज और आंसुओं की गोलाबारी की.
जेएसएमएम अध्यक्ष शफी बर्फट ने कार्यकर्ताओं के ऊपर अत्याचार की निंदा की. जेएसएमएम के अध्यक्ष ने प्रदर्शनकारियों पर हुए बल प्रयोग की निंदा करते हुए कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का खुला उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि सिंधी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सताया जा रहा है. अपहरण कर लिया जाता है या उन्हें गायब कर मार दिया जाता है.
यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पाकिस्तान की अत्याचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील करने के लिए कहता है तो उसकी गिरफ्तारी कर ली जाती है. सिंध की ऐतिहासिक राष्ट्रीय स्वतंत्र पहचान की बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है आज, सिंध ईश्वरवादी फासीवादी के अधीन है.
इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान में पंजाबी कब्जे सिंधी स्वतंत्रता आंदोलन राजनयिक पर अपना मुकदमा लड़ रहा है और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, भारत सहित अन्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान के अत्याचारों पर तत्काल नोटिस लेने और सिंध की स्वतंत्रता का समर्थन करने की अपील की है.
यहां पाकिस्तानी ईश्वरवादी, फासीवादी सैन्य प्रतिष्ठान, सेना, एजेंसी आईएसआई और रेंजरों (अर्द्धसैनिक बलों) को लगाया गया है. एसएमएम पर प्रतिबंध और अपहरण करके सिंधी राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ क्रूरता, अत्याचार का प्रयास कर रहे हैं