पकिस्तान जहाँ एक तरफ पूरी दुनिया से कटता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ उसकी ओछी हरकतें बंद होने का नाम नहीं ले रहीं। आज फिर पाकिस्तान की तरफ से बीएसएफ पर हमला हुआ। यह बिन बुलाए हमलें तो अब आम हो गए हैं। लेकिन, देश की जनता उरी के हमलों से आक्रोशित है।

भारत ने पाकिस्तान की तरफ कइयों मरतबा हाथ बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान की नापाक हरकतों ने आज ये हालात पैदा कर दिए हैं कि भारत जैसे मैत्रीपूर्ण देश इनसे बात नहीं करना चाहता। भारत ने आज पाकिस्तान को वैश्विक अलगाव के मोड़ पर ला कर खड़ा कर दिया है।
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ख़बरों के हवाले से पता चला कि 20 सितम्बर को प्रधानमंत्री मोदी जी ने साउथ ब्लॉक के वॉर रूम में लगभग 2 घंटे की बैठक की। ये साउथ ब्लॉक पीएम ऑफिस के नजदीक है। इसके वॉररूम में देश की सुरक्षा और युद्ध को लेकर रणनीति तय की जाती है। और युद्ध की स्थिति में तो यह रूम नियंत्रण कक्ष की तरह काम करता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीएम 20 सितंबर को इस रूम में गए थे जहां पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सेना प्रमुख दलबीर सुहाग, वायुसेना प्रमुख अरुण राहा, नौसेना प्रमुख सुनील लांबा भी थे।
प्रधानमंत्री को इस वॉर रूम में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिखाया गया। पीएम के उनके सामने रेत से बने मॉडल रखे गए। ये म़ॉडल पाकिस्तान में बने आतंकी कैंप के थे। वॉर रूम में पीएम को ये बताया गया कि कैसे पाकिस्तान के आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया जा सकता है।
पाकिस्तान को चारों तरफ से घेरने के लिए मोदी सरकार कूटनीतिक से लेकर सैन्य विकल्पों पर लगातार काम कर रही है। विदेश सचिव के सामने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित की पेशी हुई और उन्हें दो टूक कह दिया गया कि अगर वो आतंकी हमले की जांच को लेकर गंभीर है तो भारत आतंकियों के फिंगर प्रिट्स और डीएन सैंपल देने को तैयार है। ऐसे में पकिस्तान का आतंक के मुद्दे पर उसका असली चेहरा ही भारत की युद्ध की रणनीति को तय करेगा।
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