पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी भी आम चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे। वह अपने पैतृक शहर नवाबशाह की संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस चुनाव के साथ मुल्क की सियासत में 24 साल बाद उनकी वापसी हो रही है। पाकिस्तान में नेशनल असेंबली (संसद के निचले सदन) की 342 सीटों के लिए 25 जुलाई को मतदान होगा।
सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह की ओर से शनिवार को दी गई इफ्तार पार्टी में 62 साल के जरदारी ने अपने चुनाव लड़ने की घोषणा की। जरदारी इससे पहले 1990 में कराची की ल्यारी सीट और 1993 में नवाबशाह से नेशनल असेंबली के लिए निर्वाचित हो चुके हैं। पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति जरदारी का कार्यकाल 2008 से 2013 तक था।
जरदारी ने कहा कि वह ल्यारी को भी अपने निवार्चन क्षेत्र के रूप में चुन सकते थे। लेकिन बाद में उन्होंने अपने पैतृक शहर से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। मुल्क के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि आम चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं होगा। इस चुनाव में जरदारी की पार्टी पीपीपी, नवाज शरीफ की सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा