नई दिल्ली : पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी MFN का दर्जा वापस लेने के मुद्दे पर मोदी सरकार में अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी। पत्रकारों से बातचीत में सीतारमण ने बताया कि भारत ने अच्छी नीयत से 1996 में पाकिस्तान को एमएफएन का दर्जा दिया था।
लेकिन दुर्भाग्यवश पड़ोसी देश ने भारत के साथ ऐसा नहीं किया। इसके लिए अब तक इंतजार बना हुआ है।
बीते महीने सरकार ने फैसला किया था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गई बैठक में पाकिस्तान को मिले एमएफएन के दर्जे की समीक्षा करेगी। लेकिन बैठक स्थगित हो गई। उड़ी हमलों के मद्देनजर समीक्षा करने का फैसला लिया गया था।
राजग सरकार ने भारत को बदले में एमएफएन का दर्जा न दिए जाने पर पाकिस्तान को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में घसीटने के विकल्प पर भी विचार किया था। पाकिस्तान की ओर से दिसंबर 2012 तक भारत को यह दर्जा दिया जाना था, लेकिन वह इसमें चूक कर गया। वित्त वर्ष 2015-16 में दोनों देशों के बीच 2.61 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था।
लाइवइंडिया.लाइव से साभार