पाकिस्तान बलूच लोगों को परेशान करता रहता है। उसी के खिलाफ बलूचियों ने कई मुल्कों में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया है और कर रहे हैं। भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ ही दिनों पहले बलूचियों के हक में आवाज बुलंद की थी। इसी बीच बलोच नेता मजदक दिलशाद ने एक बहुत बड़ा खुलासा किया । इनका कहना है कि पाकिस्तानी फौजी बलूचियों को घर से उठाकर सेना के कैंप में ले जाकर उन्हें टॉर्चर करते हैं। इसके बाद वे दिल, गुर्दे, आंख आदि अंग निकाल लेते हैं और फिर लाश को खुले में फेंक देते हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तानी फौज पर ये भी आरोप लगाया कि फौजी बलूचिस्तानियों को तब तक गोलियां मारते है जब तक कि शव क्षत-विक्षत न हो जाए। मजदक दिलशाद ने ये भी कहा कि पाकिस्तान न सिर्फ बलूचिस्तान को लूट रहा है बल्कि उनकी नस्ल भी बर्बाद कर रहा है। यहां तक कि पाकिस्तान वहां परमाणु बम का भी परीक्षण करता है।
इससे वहां रहने वालों की नस्ल पर बुरा प्रभाव होता है। पानी विषाक्त और बच्चे विकृत पैदा हो रहे हैं। मजदक ने ये बातें बागपत के बिलोचपुरा गांव में कहीं। वह वहां आजादी की लड़ाई के लिए समर्थन मांगने आए थे। पाकिस्तानी फौज का ये घिनोना चेहरा अब सारी दुनिया के सामने है । पाकिस्तानी फौजी अमानवीय ढंग से अवैध कारोबार करते हैं। यक़ीनन इस बात से बलोचिस्तान की दशा का अंदाज़ा लगाया जा सकता हैं । अब तो इंतज़ार उस वक़्त का है जब बलोचिस्तान को पाकिस्तान के अत्याचारों से आजादी मिलेगी । भारत बलोचिस्तान के साथ हैं और पीएम मोदी ने बलोचिस्तान को आश्वासन दिया है की पाकिस्तान से उनकी लड़ाई में भारत उनके साथ हैं । पाकिस्तान ना जाने क्या चाहता हैं ? और पाकिस्तान की इन अमानवीय हरकतों से साफ़ जाहिर होता है कि पाकिस्तान में मानवता नहीं बची हैं । आपको बता दे बलूचिस्तान पाकिस्तान का कभी हिस्सा था ही नहीं, जबकि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर जबरन कब्ज़ा किया हैं । 14 अगस्त 1947 को जब पाकिस्तान वजूद में आया तो उसने जबरन दक्षिणी-पूर्वी ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान और दक्षिणी अफगानिस्तान का बलूचिस्तान पर अपना कब्जा कर लिया। बलूचिस्तान ईरान और अफगानिस्तान के हिस्सों को काटकर बनाया गया है। बलूचिस्तान में बलूच और पख्तूनों की आबादी लगभग आधी-आधी है।1944 से बलूचिस्तान की आजादी का संघर्ष लगातार चला आ रहा है। बलूचिस्तान के लोग किसी भी कीमत पर पाकिस्तान से अलग हो जाना चाहते हैं। आए दिन बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में प्रदर्शन, धमाके, हत्याएं होती रहती हैं। जहां बलोची नागरिक बलूचिस्तान की आजादी की मांग कर रहे हैं वही पाकिस्तानी आर्मी उनका बेरहमी से दमन कर रही है।