बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार जिस तरह से पाकिस्तान के साथ सैन्य सांठगांठ करने में जुटी है, उसको लेकर भारत ने शुक्रवार को बेहद कड़ा संदेश दिया है। भारत ने कहा है कि वह देश के आस पास होने वाली सारी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है और देश की सुरक्षा के लिए जो भी उचित कदम होगा, वह उठाने को तैयार है।
खास बात है कि भारत का यह बयान तब आया है कि जब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक उच्चस्तरीय दल ने बांग्लादेश का इसी हफ्ते दौरा किया है। जबकि, दस दिन पहले ही बांग्लादेश के थल सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एसएम कमरूल की अगुवाई में एक दल ने पाकिस्तान का दौरा किया है।
आसपास की गतिविधियों पर भारत की नजर
दोनों देशों के बीच सैन्य अभ्यास शुरू किए जाने और पाकिस्तान सेना की तरफ से बांग्लादेशी सेना को प्रशिक्षण देने पर भी बातचीत हो रही है। इस बारे में जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से पूछा गया तो उनका जवाब था कि भारत के आसपास जो भी गतिविधियां होती है हम राष्ट्रीय हित के संदर्भ में उस पर पैनी नजर बना कर रखते हैं।
रणधीर जायसवाल ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगाए जाने वाले कंटीले तारों के संदर्भ में कहा कि भारत यह काम पूर्व में बांग्लादेश के साथ किए गए समझौते के आधार पर ही कर रहा है। यह समझौता इसलिए किया गया था कि ताकि हम अपनी सीमा को अपराधमुक्त कर सके और दोनों देशों की जनता को सहूलियत हो। हमारा मानना है कि बांग्लादेश की सरकार को इसे सकारात्मक तौर पर लेना चाहिए।
बांग्लादेश कर रहा बाड़ लगाने का विरोध
गौरतलब है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार कंटीले तारों के बाड़ लगाने की भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के काम का विरोध भी कर रही है और उसमें अवरोध डालने की भी कोशिश कर रही है। भारतीय कूटनीतिक सूत्र बताते हैं कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच रिश्ते किस तरह से आगे बढ़ते हैं, इसके लिए अभी इंतजार करना होगा।
दोनों देशों के बीच सैन्य संपर्क बढ़ाने को लेकर बात हो रही है, लेकिन यह देखना होगा कि जमीनी तौर पर क्या कदम उठाया जाता है। वैसे बांग्लादेश सेना का भारत के साथ भी काफी अच्छा संबंध रहा है। अभी बांग्लादेश ने यह संकेत नहीं दिया है कि वह इन संबंधों को खत्म करना चाहता है। साथ ही यह भी देखना होगा कि चीन इस बारे में कोई भूमिका अदा करता है या नहीं।
चीन और पाकिस्तान के साथ जाएगा बांग्लादेश?
चीन और पाकिस्तान के बीच पहले से ही काफी करीबी सैन्य संपर्क हैं। क्या इसमें बांग्लादेश को भी शामिल किया जाएगा? इन सब मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही भारत अपनी आगे की रणनीति बनाएगा। जुलाई, 2024 में जब बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना भारत आई थी तब दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को तेजी से मजबूत बनाने की सहमति बनी थी।
आतंकवाद को बढ़ावा देता है पाकिस्तान
आतंकवाद पर पाकिस्तान से सख्त कार्रवाई का आह्वान एएनआई के अनुसार, भारत ने आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला कौन है।
हर कोई जानता है कि सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार देश हैं और भारत पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने का आह्वान करता है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत में जब आतंकवादी हमले होते हैं, तो यह कहां से आते है, हम सभी सीमा पार आतंकवाद की उत्पत्ति और जड़ को जानते हैं।
वहीं, विदेश सचिव विक्रम मिसरी की चीन यात्रा के संबंध में जायसवाल ने कहा कि 26 और 27 जनवरी को होने वाली यात्रा के दौरान मिसरी चीन के उप मंत्री से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय हितों के सभी क्षेत्रों पर चर्चा होगी।