लड़कियों के अधिकार के लिए लड़ने वाली नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई अपनी पाकिस्तान यात्रा पूरी कर सोमवार को लंदन लौट गईं. लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने वाली मलाला को साल 2012 में स्वात जिले में तालिबान के आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी. इस घटना के करीब छह साल बाद वह पाकिस्तान आईं थी.
स्थानीय मीडिया फुटेज में मलाला मुस्कुराती हुई अपने परिवार के साथ इस्लामाबाद हवाईअड्डे पर नजर आ आईं, जहां से उन्होंने लंदन के लिए उड़ान ली. मलाला का यह चार दिवसीय दौरा बेहद गुप्त रखा गया था और उनके इस्लामाबाद पहुंचने तक कुछ ही लोगों को इसकी जानकारी थी. अपने इस दौर पर उन्होंने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से प्रधानमंत्री कार्यालय में मुलाकात की.
गौरतलब है कि मलाला को वर्ष 2012 में पाकिस्तान की स्वात घाटी में लड़कियों की शिक्षा का प्रचार करने के दौरान एक आतंकवादी ने गोली मार दी थी. इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं. घायल मलाला को हेलिकॉप्टर की मदद से पाकिस्तान के एक सैन्य अस्पताल से दूसरे सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे चिकित्सीय कोमा में भेज दिया ताकि उसे एयर ऐंबुलेंस के माध्यम से इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया जा सके. मलाला पर हमला करने के बाद तालिबान ने यह कहते हुए एक बयान जारी किया था कि अगर मलाला जीवित बचती हैं तो वह उस पर दोबारा हमला करेंगे.
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