पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति से कोई भी देश अनजान नहीं है, पाकिस्तान लगातार दूसरे देशों से कर्जा लेकर अपनी आपूर्ति कर रहा है, वह कभी चीन से कर्जा लेता है तो कभी अमेरिका से. इसके चलते पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ तो बढ़ ही रहा है किन्तु इसके साथ अब एक और बड़ी आर्थिक समस्या पाकिस्तान के सामने खड़ी हो गई है, वो ये कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तानी रुपया बहुत तेज़ी के साथ गिर रहा है. है. 1 डॉलर के मुकाबले उसकी कीमत 120 रुपये तक गिर गई है.
इसके अलावा आतंकवादियों के कारण पाकिस्तान में पर्यटकों की संख्या भी घटी है, जिसकी वजह से पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी खाली पड़ा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास अब 10.3 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार है, जो पिछले साल मई में 16.4 अरब डॉलर था. साथ ही पाकिस्तान द्वारा चीन की बैंकों से इस वित्तीय वर्ष में लिया गया कर्ज भी 5 बिलियन डॉलर तक पहुँच चूका है, इसके बाद भी पाकिस्तान अपनी आजीविका के लिए 1-2 बिलियन डॉलर (68- 135 अरब रुपए) का नया लोन लेने जा रहा है.
जिसके उपयोग पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा भंडार को ठीक करने के लिए करेगा. एक रिपोर्ट का कहना है कि पाकिस्तान के पास जितानी विदेशी मुद्रा है वो 10 हफ़्तों की आयात के ही बराबर है. इसके साथ ही पाकिस्तान का आयात बढ़ा है और चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर में लगी कंपनियों को भारी भुगतान के कारण भी विदेशी मुद्रा भंडार ख़ाली हो रहा है, ऐसे में पाकिस्तान के पास मात्र 10 हफ्ते ही बचे हैं, अगर चीन से पाकिस्तान को लोन नहीं मिला तो वो बुनियादी वस्तुओं को आयात नहीं कर पाएगा.
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