अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान को लेकर अपनी राय बदली है. अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान के एंटी मनी लॉन्डरिंग तथा आतंकवादियों को वित्तीय सहायता देने वाले से निपटने के प्रयासों की‘‘खामियां‘’की ओर से संकेत किया है. ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान का ध्यान उसके भूभाग में मौजूद हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकवादी गुटों की मौजूदगी की ओर भी दिलाया है. 
अमेरिका द्वारा दक्षिण और मध्य एशिया के लिए नियुक्त, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् की वरिष्ठ निदेशक लीजा कर्टिस ने पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसान कुरैशी, विदेश सचिव तहमिना जंजुआ और चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टीनेंट जनरल बिलाल अकबर के साथ सोमवार को बातचीत की और बताया कि, अमेरिका, दक्षिण और मध्य एशिया में सुधार चाहता है और इसलिए अफ़ग़ानिस्तान में शांति कायम करना बेहद जरुरी है.
वहीं अमेरिकी दूतावास ने बयान दिया है कि, आतंकवादी निरोधी नीति को लेकर पाकिस्तान द्वारा ढिलाई बरती गई है, पाकितान में मौजूद हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकवादी संगठन इस बात का सबूत हैं कि, पाकिस्तान इनके खिलाफ निरंतर कार्यवाहियां नहीं कर रहा है. आपको बता दें कि, कुछ ही दिनों पहले अमेरिका ने पाक द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए क़दमों की सराहना की थी. अब अमेरिका के इन विरोधाभासी बयानों में से सही कौन सा है ये तो अमेरिका ही जाने.
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