नई दिल्ली: पड़़ोसी देश पाकिस्तान ने एक बार फिर घिनौनी हरकत करते हुए रिश्तों के बीच खटास ला दी है। पाकिस्तान में स्थित भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने शनिवार को इस्लामाबाद में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। इस मौके पर एक बार फिर पाकिस्तान ने अपना दोहरा चरित्र दिखाया है।
दरअसल भारतीय उच्चायोग ने इफ्तार पार्टी के लिए बहुत सारे लोगों को निमंत्रण दिया था। हालांकि जैसे ही मेहमान आने शुरू हुए पाकिस्तान खुफिया एजेंसी की टीम ने बहुत से लोगों को बाहर रोक लिया और उन्हें अदंर जाने की इजाजत नहीं दी। कुछ मेहमानों का उत्पीडऩ किया गया और उन्हें फोन पर धमकी दी गई।
भारतीय उच्चायोग का कहना है कि मेहमानों को पाकिस्तान की राजधानी में स्थित कार्यक्रम स्थल के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई।
बाद में अजय बिसारिया ने उन सभी मेहमानों से माफी मांगी जिन्हें प्रवेश करने से रोक दिया गया था। उन्होंने कहा मैं उन सभी दोस्तों से माफी मांगना चाहता हूं जिनकी बाहर कुछ अतिरिक्त जांच की गई। आपका बहुत बहुत धन्यवाद। बहुत से दोस्तों को बाहर रोका गया। नई सरकार नई उम्मीदों के साथ आई है। मेहमानों के उत्पीडऩ पर सूत्रों का कहना है पाकिस्तानी एजेंसियों ने शनिवार को होटल सेरेना पर घेराबंदी की।
उन्होंने मेहमानों का उत्पीडऩ किया, उन्हें धमकाया और हजारों मेहमानों को वापस भेज दिया। इससे पहले उन्होंने अज्ञात नंबरों से आमंत्रितगणों को फोन किया और उन्हें इफ्तार में भाग लेने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। इस घटना पर भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने कहाए मैं अपने उन सभी मेहमानों से माफी मांगता हूं जिन्हें कल इफ्तार में शामिल होने नहीं दिया गया।
इस तरह की डराने वाली रणनीति निराशाजनक है। वह न केवल राजनयिक आचरण और सभ्य व्यवहार के बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं बल्कि वह हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए भी खराब माहौल बना रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, राष्ट्रपति आरिफ रहमान अल्वी, विदेश सचिव, नेशनल असेंबली के स्पीकर को भारतीय उच्चायोग ने इफ्तार में आमंत्रित किया था लेकिन यह सभी इसमें शामिल नहीं हुए।
इसके अलावा मेहमानों की सूची में राजनीतिक शख्सियतें, कई सूफी धार्मिक स्थलों के मुखिया, शिक्षाविदों, लेखकों, कलाकारों, सिविल सोसाइटी के कार्यकर्ताओं, पाकिस्तानी छात्रों और अन्य प्रमुख हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया था।