
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दस्तावेजों के मुताबिक पाकिस्तान 1984 तक अपनी एयरफोर्स को ठीक सुविधाएं देने में सक्षम नहीं था। हालांकि कागजातों में इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि हमले के लिए भारत किन जहाजों का इस्तेमाल करता, लेकिन माना जा रहा है कि भारत मिग-23 या जगुआर एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल कर सकता था। अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने अपने हजारों गोपनीय दस्तावेजों का खुलासा किया है, जिनमें से एक में भारत-पाक संबंधों का जिक्र है।
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महज 30 मिनट की दूरी पर थे पाक के एटमी संयंत्र
भारतीय वायुसेना द्वारा जहां हमला किया जाता उसमें कठुआ का इनरिचमेंट प्लांट और इंस्टेक-न्यू लेबोरेटरी फेसिलिटी शामिल हो सकते थे। ये दोनों ही जगह भारत से मात्र 30 मिनट की दूरी पर हैं। दस्तावेजों के मुताबिक भारत की वायुसेना पाक एयरफोर्स से बड़ी और बेहतर थी।