पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने जम्मू एवं कश्मीर के उरी में भारतीय सैन्य शिविर पर हुए हमले को ‘आंतरिक काम’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि जिस हमले में 18 सैनिक शहीद हुए, उस हमले की कथित साजिश भारत ने खुद रची थी।
पाकिस्तान की ओर इंगित
रक्षामंत्री आसिफ ने डॉन न्यूज से कहा कि 18 सितंबर के हमले में पाकिस्तान की ओर इंगित करने वाला कोई भी सबूत सामने नहीं आया है। जिस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मुहम्मद को दोषी ठहराया है, उसकी कथित साजिश भारत ने खुद रची थी।
जब यह पूछा गया कि पाकिस्तान ने कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव के पकड़े जाने का मुद्दा क्यों नहीं उठाया, जबकि भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में बहादुर अली को सीमा पार से आतंकवाद का जिंदा सबूत बताया? आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान इस मुद्दे को पिछले कई माह से रोज उठा रहा है।
आसिफ ने कहा, “सिर्फ कुलभूषण जाधव ही नहीं हम लोगों के पास ब्रह्मदाग बुगती भी प्रमाण के रूप में है, जिसे भारत ने फर्जी पहचान पर वीजा जारी किया।”
उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ पांच या 10 आवाजें उठ गईं तो वे पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
आसिफ के अनुसार, “पूरी दुनिया जानती है कि भारत कश्मीर विवाद सुलझाने के प्रति उतना गंभीर नहीं है जितना पाकिस्तान है। यह भी कि पाकिस्तान के खिलाफ आक्षेप लगाने के बावजूद भारत को कहीं से भी कोई समर्थन नहीं मिला है।”
उन्होंने कहा कि चीन कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के नजरिए का समर्थन करता है, जिसे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने महासभा में अपने संबोधन में फिर उठाया था।
पाकिस्तान ने वानी को शहीद घोषित कर
जम्मू एवं कश्मीर में शीर्ष आतंकी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों द्वारा मारे जाने के बाद गत नौ जुलाई से ही दोनों देशों में तनाव है। पाकिस्तान ने वानी को शहीद घोषित कर दिया, तब भारत ने यह आरोप लगाया कि पाकिस्तान के भारत के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप की वजह से ही कश्मीर में अशांति है।
गत 18 सितम्बर को उड़ी में सेना के शिविर पर आतंकी हमले के बाद से स्थिति और खराब हो गई। हमला करने वाले चार आतंकी मारे गए थे, जिनके बारे में संदेह है कि वे सीमा पार से आए थे।
सुषमा स्वराज ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रश्रय देता है और इसे पूरी दुनिया से अलग-थलग किया जाना चाहिए।