लखनऊ। सपा में चल रही अंतर्कलह जारी है। इस लड़ाई की वजह से सपा अभी दो गुटों में बंटी नजर आ रही है, जिसमें एक गुट शिवपाल यादव का है तो वहीं दूसरा गुट मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का। घर और पार्टी के बीच बढ़ रही मतभेदों की वजह से अखिलेश यादव अलग घर में रहने चले गए। वहीं खबर है कि सपा की अब दो मीडिया विंग होगी।
अगर कहें की पार्टी अब दो हिस्सों में बंट चुकी है तो गलत नहीं होगा। इसी बीच सरकार में कैबिनेट मंत्री और अखिलेश के करीबी माने जाने वाले राजेंद्र चौधरी ने रविवार को एक प्रेस नोट जारी किया। जिसके बाद से राजनैतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि समाजवादी पार्टी में दो मीडिया विंग काम कर रही हैं।
एक सीएम ऑफिस के लिए और दूसरा पार्टी के लिए। क्योंकि यह प्रेस नोट समाजवादी पार्टी के आईडी से नहीं बल्कि पर्सनल मेल से किया गया है। इस प्रेस नोट में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की साफ सुथरी छवि का बखान किया गया है। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। आज की राजनीति में उनके जैसा बेदाग, निर्मल छवि और संवेदनशील व्यक्तित्व का सर्वथा अभाव दिखता है।”
वहीं पार्टी में अखिलेश के करीबी उनके मुख्यमंत्री पद के दावेदारी के लिए मुहीम छेड़ चुके हैं। हाल ही में राम गोपाल यादव ने पार्टी सुप्रीमो को पत्र लिख कर अखिलेश को मुख्मयंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने की गुजारिश की है। उन्होंने साफ-साफ कहा कि बिना अखिलेश के चेहरे के चुनाव जीतना मुश्किल है। इसके राजेंद्र चौधरी की प्रेस विज्ञप्ति ने इस पर मुहर भी लगा दी है।
इस मसले पर जब प्रदेश18 से समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मोहम्मद शाहिद ने कहा कि पार्टी में कोई दो फाड़ नहीं है और इसमें कोई शक नहीं है कि 2017 के चुनावों में मुख्यमंत्री अखिलेश की साफ़ छवि और उनके विकास के कार्यों की बदौलत ही समाजवादी पार्टी दोबारा सरकार बनाने जा रही है।
हालांकि मुख्यमंत्री के इंडोर्समेंट के सवाल पर उन्होंने कहा कि नेताजी (मुलायम) ने कोई ऐसी बात नहीं की। यह संवैधानिक बात है कि चुने गए विधायक ही अपने नेता का चुनाव करते हैं। इसलिए मुख्यमंत्री का चुनाव भी ऐसे ही किया जाएगा। इसमें किसी भी तरह की इंडोर्समेंट की जरूरत नहीं है क्योंकि अखिलेश के रूप में पार्टी के पास एक सशक्त चेहरा है।
पार्टी में किसी भी तरह की मतभेद को दरकिनार करते हुए शाहिद ने कहा कि आज विपक्ष के पास दो ऐसे चेहरे हैं जिनमें एक अपराधी छवि (केशव प्रसाद मौर्या) और दूसरा भ्रष्टाचार (मायावती) में लिप्त है। वहीँ इस प्रेस रिलीज से ये बात तो साबित हो चुकी है कि मुख्यमंत्री अब पीछे हटने वालों में से नहीं हैं उन्होंने कुछ दिन पहले ही साफ कर दिया था कि कोई उनके साथ हो न हो वो अकेले ही चुनाव प्रचार करेंगे।