लखनऊ। राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा है कि केंद्र में भाजपा सरकार बनने के लगभग तीन वर्ष बाद भी पार्टी ने अपने वायदों को पूरा न कर वायदा खिलाफी की है। साथ ही उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व पार्टी नेता सुनील बंसल को निषाद, कश्यप, बिंद, मछुआरा समुदाय का कट्टर विरोधी बताया और केंद्र सरकार से स्वतंत्र मत्स्य मंत्रालय तथा राष्ट्रीय मत्स्यिकीय विकास बोर्ड बनाने की मांग की।
निषाद ने कहा, “देश में 22 करोड़ से अधिक निषाद-मछुआरा जातियों की आबादी है। यह सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक, व्यावसायिक व राजनैतिक रूप से काफी पिछड़ा हुआ समाज है। भाजपा साजिश के तहत निषाद मछुआरा समाज को राजनैतिक रूप से पीछे करने का काम करती आ रही है।”
उन्होंने कहा, “श्री राम व निषाद राज की मित्रता का हवाला देकर इनका वोट बैंक हथियाया, परंतु इनके साथ न्याय नहीं किया। बिहार में भाजपा जब तक जदयू के साथ थी, किसी निषाद को मंत्री नहीं बनने दिया। हरियाणा, झारखंड व मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में कोई निषाद मंत्री नहीं है। गुजरात में 2001 से मोदी से वरिष्ठ पुरुषोत्तम भाई सोलंकी (भावनगर) राज्यमंत्री ही हैं और भाजपा से तीसरी बार जीते पार्टी के वफादार जयप्रकाश निषाद को उत्तर प्रदेश में महज राज्यमंत्री बनाकर निषाद समाज को अपमानित किया गया है जबकि पहली बार जीते व दलबदलुओं को कैबिनेट व स्वतंत्र प्रभार दिया गया है।”
निषाद ने कहा कि जब भाजपा नेता कल्याण सिंह पहली बार मुख्यमंत्री बने तो मत्स्य पालन व बालू मौरंग खनन पट्टा प्रणाली खत्म कर सार्वजनिक कर दिया और मत्स्याखेट व शिकारमाही के लिए मां गंगा सहित सभी नदियों की सार्वजनिक रूप से नीलामी का आदेश दिया।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन केंद्रीय समाज कल्याण मंत्री सीताराम केसरी ने 1992 में कल्याण सरकार से निषाद (मछुआरा) समुदाय की मल्लाह, केवट, बिंद, धीवर, कहार, गोडिया, तुरहा आदि को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए संस्तुति मांगी, लेकिन कल्याण सिंह ने संस्तुति नहीं दी।