सीमांत जिले पिथौरागढ़ में अापदा का कहर कम नहीं हो रहा है। धारचूला और बंगापानी में रात से बारिश हो रही है। जिससे रास्तों को और पुलों को काफी नुकसान बताया जा रहा है। मुनस्यारी-मदकोट-जौलजीबी-पिथौरागढ़ मोटर मार्ग पर टोकडी गाड़ में सीमा सड़क संगठन का मोटर पुल बह गया है, लुमती बगीचा बगड़, मौरी, जाराजिबली, धारचूला के ख़ुमती, गलाती में भी भारी नुक़सान की खबर आ रही है। आनन-फानन में लोग घर खाली कर रहे हैं। टोकडी गाड़ में मेतली को जोड़ने वाले सभी पैदल पुल बह गए हैं ,जारा जिवली से भी नुकसान की खबर आ रही है, जौलजीबी मोटर मार्ग पुल बहने से अब राहत बचाव के लिए आ रही प्रशासन की टीम को भी सड़क मार्ग से क्षेत्र में पहुंचना संभव नहीं लग रहा है। लुमती से लेकर मदकोट तक 100 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से सम्पर्क कट गया है। पिथौरागढ़ में आसमान बादलो से घिरा है।
मां-बेटे के शव बरामद, 47 जानवर भी दबे
पिथौरागढ़ जिले में आपदा का कहर थम नहीं रहा है। रविवार रात तहसील बंगापानी के धामीगांव के भ्यौल तोक में एक मकान ढह गया थ। इस हादसे में मां और बेटा मलबे में दफन हो गए। दोनों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इसमें 47 जानवर भी दबे हैं। इधर, मुनस्यारी तहसील के गूटी गांव में एक शौचालय पर बोल्डर गिरने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई। निकटवर्ती खेतभराड़ गांव भी खतरे की जद में आ चुका है। रविवार रात पहली घटना धामीगांव के भ्यौल तोक में हुई। भारी बारिश के चलते पहाड़ से जबरदस्त भूस्खलन हो गया, जिसमें पूरा मकान जमींदोज हो गया। मकान में मौजूद 60 वर्षीय विशना देवी और उसका 30 वर्षीय पुत्र जोहार सिंह मलबे मेंं दफन हो गए। मकान की गोशाला में बंधे 47 जानवर भी मलबे में दब गए। जिनमें चालीस बकरियां, दो गाय, दो भैंस और दो बैल भी शामिल हैं। गांव के प्रधान कुबेर सिंह की सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ, पुलिस व राजस्व टीमों ने सोमवार सुबह से ही बचाव कार्य शुरू कर दिया था।
दिनभर रुक-रुककर हुई बारिश, अगले 48 घंटे का रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान कुमाऊं में तेज बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना व्यक्त की है। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर चम्पावत और ऊधमसिंह नगर जिले में अगले दो दिनों के दौरान कहीं-कहीं तीव्र दौर के साथ भारी से बहुत बारिश हो सकती है। इसके लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में कहीं कहीं आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती है। लोगों को नदी, नालों के करीब नहीं जाने की सलाह दी गई है। खासकर पर्वतीय जिलों में अतिवृष्टि को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है।