लंदन। कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तानी मुहिम को झटका लगा है। ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे ने साफ कर दिया कि कश्मीर के मामले में दोनों देशों को मिलजुल कर हल निकालना चाहिए। ब्रिटेन पहले से ये मानता रहा है कि कश्मीर दोनों देशों के बीच का मुद्दा है, इसमें किसी तीसरे देश के दखल की जरूरत नहीं है।
पाक मूल के सांसद ने उठाया कश्मीर मुद्दा
हाउस ऑफ कॉमन्स में पीएम थेरेसा मे से सवाल-जवाब के दौरान पाकिस्तानी मूल के सांसद यास्मीन कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे को उठाया था। कुरैशी ने पूछा कि अगले महीने भारत दौरे के समय क्या ब्रिटिश पीएम कश्मीर मुद्दे को उठाएंगी। कुरैशी ने कहा कि भारत अधिकृत कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार पर कुठाराघात हो रहा है। 1948 में ये साफ कहा गया कि कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अधिकार होगा। लेकिन भारत ने उस भावना का न तो सम्मान किया, न ही कानूनी अधिकारों को मान्यता देता है।
‘आंतरिक मामलों में दखल नहीं देगा ब्रिटेन’
थेरेसा मे ने कहा कि जब उन्होंने ब्रिटेन की बागडोर संभाली थी, उसी दिन साफ कर दिया था कि कश्मीर मुद्दे पर ब्रिटेन दखल नहीं देगा। पूर्ववर्ती सरकारों की जो भूमिका रही है, हमारी सरकार उसी नीति पर कायम है। उन्होंने का कि ब्रिटेन की नीति साफ है दो देशों के बीच विवादित मुद्दों पर वो कभी दखल नहीं देगा।
6 नवंबर को भारत दौरे पर थेरेसा मे
थेरेसा मे 6 नवंबर को भारत दौरे पर आ रही हैं। यूरोप के बाहर उनका ये पहला विदेशी दौरा है। इंडिया-यूके टेक समिति की बैठक में शिरकत करने के बाद वो बेंगलुरु जाएंगी। मे के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आएगा।