इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। पीएम मोदी का रूस जाना और पुतिन से मिलना अमेरिका की अब एक चिंता बढ़ा रहा है। पीएम मोदी की पुतिन के साथ हुई अनौपचारिक बैठक के कुछ ही देर बाद अमेरिका ने सोमवार को एक बयान दिया।
पीएम मोदी की पुतिन से मुलाकात, लेकिन US को क्यों हो रही चिंता?
दरअसल, अमेरिका ने सोमवार को यूक्रेन पर मॉस्को के आक्रमण के बीच भारत के साथ रूस के संबंधों को लेकर चिंता जताई है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक प्रेस ब्रीफिंग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘मैं प्रधानमंत्री मोदी के पब्लिक रिमार्क को देखूंगा कि उन्होंने क्या कहा, लेकिन जैसा कि मैंने कहा, हमने रूस के साथ उनके संबंधों के बारे में अपनी चिंताओं को भारत के समक्ष स्पष्ट कर दिया है।’
अमेरिका को भारत से क्या उम्मीद?
मिलर ने आगे कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि भारत या कोई भी अन्य देश जब रूस के साथ बातचीत करेगा, तो वह “यह स्पष्ट करेगा कि मॉस्को को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।’
अमेरिका क्यों बना रहा भारत पर दबाव?
फरवरी 2022 में यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत पर रूस से दूरी बनाने के लिए अमेरिका का दबाव है। भारत ने रूस के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों और अपनी आर्थिक जरूरतों का हवाला देते हुए इस दबाव का विरोध किया है, हालांकि, उसने चल रहे युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आवाज उठाई है।
रूस में पीएम मोदी
मोदी पुतिन के निमंत्रण पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए सोमवार शाम रूस पहुंचे। फरवरी 2022 में मॉस्को द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से मोदी की यह पहली रूस यात्रा है। उनकी पिछली यात्रा 2019 में हुई थी, जब उन्होंने सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था।
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