Congress leader KC Mittal submits complaint to Election Commission against PM Modi and BJP for violating Model Code of Conduct.
Complaint says,PM addressed Ramayana Darshnam Exhb via videoconf on Jan 12,utilised event as part of election campaign in name of religion
(contd) complaint says- by invoking & making statements regarding “Bhagwan Shri Ram, “Ayodhya”, “Ram Rajya”, “Hanumanji” & Bharat repeatedly
Complaint says,PM addressed Ramayana Darshnam Exhb via videoconf on Jan 12,utilised event as part of election campaign in name of religion
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपने संबोधन में कहा था कि श्रीराम भारत के कण-कण में हैं। जन-जन के मन में हैं। और इसलिये जब हम श्रीराम के विषय में सोचते हैं, तो श्रीराम एक आदर्श पुत्र-भाई-पति, मित्र और आदर्श राजा थे।
पीएम ने आगे कहा कि अयोध्या भी एक आदर्श नगर था तो रामराज्य एक आदर्श शासन व्यवस्था थी। इसलिए भगवान राम और उनके राज्य का आकर्षण समय-समय पर देश की महान शख्सियतों को अपने तरीके से रामायण की व्याख्या करने के लिए प्रेरित करता रहता है। इन व्याख्याओं की झलक अब रामायण दर्शनम में मिलेगी।
पीएम ने अपने संबोधन में कहा था कि जब रामजी को देखते है तो व्यक्ति का विकास, व्यवस्था का विकास ये बातें सहज रुप से नजर आती है।
उन्होंने कहा कि राम रावण को हरा कर बड़े नहीं बने, बल्कि राम तब राम बने जब उन्होंने उन लोगों को साथ लिया जव सर्वहारा थे। साधनहीन थे। उन्होंने उन लोगों का आत्म गौरव बहाल किया और उनमें विजय का विश्वास पैदा किया। भगवान राम के जीवन में उस भूमिका को स्वीकार नहीं किया जो उनके वंश द्वारा जो परम्पराएं थीं। मूल्यों के प्रति जीवन का समर्पण क्या होता है। राम ने उसे जी कर दिखाया था। जब रामजी को देखते हैं तो व्यक्ति का विकास, व्यवस्था का विकास ये बातें सहज रूप से नजर आती हैं।
हनुमान जी की चर्चा करते हुए पीएम ने कहा था कि हनुमान जी यानि सेवा, हनुमान जी यानि समर्पण भक्ति का वो रुप था। जिसमें सेवा ही परम धर्म बन गया था। जब वो समुद्र को पार कर रहे थे तो मैनाक पर्वत उन्हें बीच में विश्राम देना चाहता था। लेकिन संकल्प सिद्धि से पहले हनुमान जी के लिए शिथिलता की कोई गुंजाइश नहीं थी। अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक उन्होंने आराम नहीं किया।
इससे पहले बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। प्रतिनिधिमंडल में शामिल मंत्रियों प्रकाश जावेड़कर और मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था राहुल गांधी अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न ‘हाथ’ को विभिन्न धार्मिक भावनाएं से जोड़ा। इसलिए आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में कांग्रेस का चुनाव चिह्न सीज किया जाए।
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गौरतलब है कि राहुल गांधी कांग्रेस के जन संवेदना सम्मेलन में पार्टी के चिन्ह को भगवान शिव, गुरू नानक, गौतम बुद्ध, इस्लाम और महावीर से जोड़कर बताया था । शिकायत में बीजेपी ने चुनाव आयोग से कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में जन सवेंदना सम्मेलन में धर्मिक भावनाओं को बढ़काने वाला भाषण दिया है
बीजेपी ने तर्क दिया कि राहुल के इस बयान से जनप्रतिनिधि कानून 1951 का उल्लघंन हुआ है साथ ही उन्होनें चुनाव आचार संहिता को भी तोड़ा है। चुनाव आयोग के पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी राजनीतिक पार्टी को धर्म के नाम पर वोट न लेने के निर्देश जारी किये थे। भाजपा ने ये भी आरोप लगाया था कि राहुल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी उल्लघंन किया है।