Moradabad: Voters show their fingers marked with indelible ink after casting their votes for Uttar Pradesh Legislative Council elections, in Moradabad, Monday, Jan. 30, 2023. (PTI Photo)(PTI01_30_2023_000041B)
पीएम मोदी पर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए मोइत्रा ने पूछा..
May 12, 2023
चंडीगढ़ में पीजीआईएमईआर प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के 100वें एपिसोड में शामिल नहीं होने पर 36 नर्सिंग छात्राओं के हॉस्टल से बाहर जाने पर रोक लगाई। इस पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने पीएम मोदी पर बड़ा हमला बोला। आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए मोइत्रा ने पूछा कि वो भी नहीं सुनती हैं तो क्या उन्हें भी दंडित किया जाएगा। ट्विटर पर मोइत्रा ने पीएम मोदी के ‘मन की बात’ रेडियो प्रसारण की तुलना “बंदर की बात” से की है।
टीएमसी विधायक महुआ मोइत्रा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। वह चंडीगढ़ में पीजीआईएमईआर प्रशासन द्वारा 36 नर्सिंग छात्राओं को पीएम मोदी के मन की बात के 100वें एपिसोड में शामिल नहीं होने के संदर्भ में कह रहीं थी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मैंने भी बंदर की बात नहीं सुनी। एक बार भी नहीं। कभी नहीं। क्या मुझे भी सजा मिलने वाली है? क्या मुझे एक हफ्ते के लिए अपना घर छोड़ने से मना किया जाएगा? अब मैं गंभीर रूप से चिंतित हूं।”
हॉस्टल छोड़ने से रोका गया?
पीजीआईएमईआर के अधिकारियों ने एक लिखित आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन (एनआईएनई) के सभी नर्सिंग छात्रों को कैंपस में कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए, जहां 30 अप्रैल को मन की बात का प्रसारण किया गया था। गुरुवार को जारी एक बयान में पीजीआईएमईआर ने नर्सिंग छात्रों को पीएम मोदी के रेडियो प्रसारण को अनिवार्य रूप से सुनना चाहिए था। संस्थान के मुताबिक, यह नियमित पाठ्यचर्या गतिविधियों के हिस्से के रूप में किया गया था जहां अतिथि व्याख्यान और चर्चा के लिए विशेषज्ञों और पेशेवरों को आमंत्रित किया जाता है।
हालांकि, तृतीय वर्ष के 28 और प्रथम वर्ष के आठ नर्सिंग छात्राओं ने प्रधान मंत्री के रेडियो कार्यक्रम को नहीं सुना। जब उन्होंने सत्र में शामिल नहीं होने का कोई कारण नहीं बताया तो पीजीआईएमईआर के अधिकारियों ने उन्हें एक सप्ताह के लिए छात्रावास नहीं छोड़ने का फरमान सुना दिया। पीजीआईएमईआर ने कहा कि इस मुद्दे का “अन्य अर्थ नहीं निकालने का आग्रह भी किया था।”