पीरियड्स में कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ाहट से बचने के लिए ये खाएं

पीरियड्स के दौरान लड़कियां थकावट और कमजोरी होने के साथ चिड़चिड़ी हो जाती हैं। ऐसे में उन्हें खाने-पीने पर विशेष ध्यान देनी चाहिए। इस दौरान किसी को अधिक तो किसी कम ब्लीडिंग होती है। कुछ लड़कियों को अधिक दर्द होता है, तो कुछ को कम। लेकिन सबसे अधिक जरूरी है कि इस दौरान लड़कियों का खान-पान कैसा है। इस समय यह ध्यान देना जरूरी है कि कौन सी चीज खानी है और कौन सी नहीं। कौन सी चीज आप के लिए हेल्दी है और कौन सी नहीं। क्योंकि ज्यादातर लड़कियों को पीरियड्स के दौरान क्या खाना चाहिए? नहीं पता होता है।

फॉलिक्युलर फेज हेल्दी फैट्स लें

पीरियड्स के फॉलिक्युलर फेज में एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है। इस चरण में यूरिन लाइन फिर से बनने लगती है। इसलिए इस फेज में हेल्दी फैट्स खाना जैसे-अनार, अलसी, कद्दू और स्प्राउट अनाज का सेवन करनी चाहिए।

ओवुलेटरी फेज खाएं हरी सब्जियां

जब फॉलिक्युलर फेज के दौरान एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है तो उसे ओवुलेटरी फेज कहते हैं। इस चरम में प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इस फेस में हरी सब्जियां- शलजम, ब्रोकली और पत्ता गोभी खाएं।

ल्यूटियल फेज में मैग्नीशियम और विटामिन बी-6 का सेवन करें

पीरियड्स आने से पहले वाले चरण को ल्यूटिकल फेज कहते हैं। इस समय शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। इस फेज में विटामिन सी, जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन बी-6 से भरपूर आहार लें।

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