तक़रीबन छह महीने पहले पुणे शहर में महिलाओं के लिए मोबाइल टॉयलट बनाए गए थे. पीएमपीएमएल यानी नगर निगम की बेकार पड़ी बसों में कुछ बदलाव कर उन्हें कलरफुल टॉयलेट बस का रूप दिया गया. ये मोबाइल टॉयलेट काफी आकर्षक थे और कहा गया कि यह महिलाओं के लिए टॉयलेट बस हैं. लेकिन पिछले एक महीने से ही पांच में से तीन टॉयलेट्स को लॉक लगा दिया है और अन्य दो कहां गायब हो गईं, पता नहीं चल पाया.गुजरात राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के अहमद पटेल को हराने के लिए बीजेपी ने बनाया प्लान
आजतक की टीम ने औंध इलाके में खड़ी एक मोबाइल टॉयलेट के बारे में सिंध हाउसिंग सोसाइटी के सिक्योरिटी गॉर्ड से पूछा कि क्या इसका इस्तेमाल करने महिलाएं आती हैं तो सिक्योरिटी गॉर्ड ने बताया कि पिछले एक महीने से ये मोबाइल टॉयलेट बंद है.
हमारी टीम ने जब इसके बारे में और पड़ताल की तो पता चला कि पुणे शहर में इस तरह के जितने भी टॉयलेट बस हैं, उनका यही हाल है. चौंकाने वाली बात ये हुई कि एक टॉयलेट बस के नीचे शराब की बोतल दिखने से ये सवाल खड़ा हो गया है कि इसका उपयोग कहीं गलत कामों के लिए तो नही किया जा रहा?
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस तरह के टॉयलेट बनाने बेहद जरूरी थे. शहर में पब्लिक टॉयलेट और खासकर महिलाओं के लिए टॉयलेट की संख्या बहुत कम है. इससे महिलाओं को काफी दिक्कतें होती हैं. इसलिए नगर निगम का यह प्रयास तो अच्छा ही कहा जा सकता है, लेकिन इसके बाद जिस तरह से इसकी हालत खस्ता है, उससे इस पूरी कवायद के उद्देश्य पर सवालिया निशान तो लगते ही हैं.