लखनऊ , 7 दिसम्बर वर्ष 2005 से बंद हुई पेशन की बहाली की मांग को लेकर लम्बे समय से लड़ाई लड़ रहे अटेवा संगाठन के प्रदर्शन के दौरान बुधवार की दोपहर शाक्ति भवनके सामने पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने बर्बता से लाठियां चलायीं। पुलिस की इस बर्बता का शिकार हुए कुशीनगगर जनपद के एक टीचर रामआशीष सिंह की मौत हो गयी,जबकि तीन लोग बुरी तरह घायल हो गये। शिक्षक की मौत के बाद संगठन के लोगों ने सिविल अस्पताल पर जमकर हंगामा काटा। मौके पर पहुंचे डीएम, डीआईजी व एसएसपी ने संगठन के लोगों को समझाने-बुझाने की कोशिश की पर वह लोग किसी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं थे।

आल टीचर्स एण्ड इम्पलाई वेलफेयर एसोसिएशन अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने बताया कि वर्ष 2005 में बंद हुई पेशन को फिर से बहाली की मांग को लेकर उनका संगठन काफी समय से प्रदर्शन कर रहा है। बुधवार को इसी मांग को लेकर एक बार फिर अटेवा संगठन के सैकड़ों लोग लक्ष्मण मेला मैदान में जमा हुए। दोपहर करीब डेढ़ बजे वह लोग वहां से विधानभवन की तरफ बढ़े। पुलिस ने बीच में कई जगह उनको रोकने की कोशिश की पर वह लोग नहीं माने और किसी तरह गांधी प्रतिमा के पास पहुंच गये। गांधी प्रतिमा पर संगठन के लोगों व पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। इसके बाद किसी तरह वार्ता के माध्यम से संगठन के लोग गांधी भवन से वापस लौटने लगे। शाक्ति भवन के पास पहुंचते ही अचानक पुलिस ने उन लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया।
इसके बाद पुलिस ने सभी लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर बुरी तरह पीटा। अचानक हुई इस घटना से वहां कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गयी। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने भी कुछ गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की पर पुलिस की लाठियों के आगे प्रदर्शनकारियों की एक न चल सकी। पुलिस की बर्बतापूरक की गयी इस कार्रवाई में कुशीनगर के हाटा स्थित गांधी स्मारक इंटर कालेज में अंग्रेजी के प्रवक्ता 40 वर्षीय राम आशीष सिंह की सिविल अस्पताल लेते वक्त मौत हो गयी। वहीं बिजनौर निवासी प्रदीप, कासगंज निवासी नीरज और मैनपुरी निवासी ओम सिंह को गंभीर चोट लगी। साथी की मौत के बाद सिविल अस्पताल में जमा अटेवा संगठन के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। वह लोग मृतक राम आशीष के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी व आरोपी पुलिस वालों की बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे।
एक प्रदर्शनकारी की मौत व सिविल अस्पताल में हंगामे की सूचना पाकर मौके पर डीएम सत्येन्द्र सिंह, डीआईजी प्रवीण कुमार व एसएसपी मंजिल सैनी भारी पुलिस बले के साथ वहां पहुंच गये। इस दौरान हंगामा कर रहे लोगों की कई बार पुलिस को बहस भी हुई। अस्पताल में डंटे संगठन के लोग मौके पर मुख्यमंत्री को भी बुलाने की मांग कर रहे थे। फिलहाल अधिकारियों ने उन लोगों को परिवार को उचित मुआवजा, एक आश्रति को नौकरी व इस मामले में एफआईआर व मजिस्ट्रेटियल जांच का आश्वासन दिया है।
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