हरिद्वार। कहावत है कि जिसकी लाठी उसकी भैंस। मगर, हरिद्वार में जब भैंस के मालिकाना हक को लेकर विवाद हुआ, तो पुलिस ने फैसला भैंस पर ही छोड़ दिया। इस रोचक मामले में पुलिस ने भैंस के मालिक को चुनने का अधिकार उसे ही दिया।
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बताते चलें कि हरिद्वार के ग्राम सराय के रहने वाले सुभाष की भैंस चोरी हो गई थी। उसने भैंस को खोजने की पूरी कोशिश की। इस दौरान उसे सराय रोड पर रहने वाले ज़ुल्फिकार अली के पास अपनी भैंस दिखाई दी। सुभाष ने जब अपनी भैंस उससे मांगी, तो ज़ुल्फिकार ने बताया कि उसने वो भैंस सूरज से खरीदी है।
इसके बाद परेशान सुभाष ने ज्वालापुर पुलिस स्टेशने में कुछ दिन पहले भैंस चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सूरज को पकड़कर उससे पूछ-ताछ की। सूरज ने पुलिस को बताया कि उसने ज़ुल्फिकार को भैंस बेची है। मगर, सुभाष इस बात को मानने के लिए ही तैयार नहीं हुआ।
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इससे पुलिस पशोपेश में फंस गई कि आखिर भैंस किसकी है। तब फैसला किया गया कि भैंस को ही अपना मालिक चुनने का हक दिया जाएगा। पुलिस ने कहा कि भैंस को वो सराय रोड़ पर छोड़ देंगे। इसके बाद में भैंस जिसके घर जाएगी, वही उसका मालिक होगा। इस पर दोनों राजी हो गए।
भैंस को लेकर पुलिस को हुई यह परेशानी का कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले प्रदेश में कबीना मंत्री रहे आजम खान की भैंस गायब हो गई थी। उसे खोजने के लिए पूरे प्रदेश की पुलिस को ऐड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा था।
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