लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी और अन्य जनपदों में बढ़ रहे अपराध ग्राफ पर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कड़ी नारजगी जतायी है। एक सप्ताह में राजधानी में डकैती की तीन बड़ी घटनाओं पर मुख्यमंत्री ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार के साथ एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार, लखनऊ जोन के एडीजी अभय प्रसाद, आईजी रेंज जय नारायण सिंह और एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार को तलब कर वारदात का ब्योरा लिया।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि पुलिस की ढिलाई से सरकार की छवि खराब हो रही है। वारदात का खुलासा कर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जो अफसर अपराधियों पर अंकुश नहीं लगा रहे हैं वह पद से हट जाएं। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार व एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में हुए अपराध पर चिंता व्यक्त की है।
वहां के अधिकारियों से जल्द हालात काबू करने को कहा गया है। काकोरी और मलिहाबाद में हुई घटनाओं में बदमाशों की शिनाख्त हो गई है। उन्हें पकडऩे के लिए पुलिस टीमें बनाई गई हैं। सरकार ने हाल के दिनों में हुई घटनाओं के साथ साथ पूर्व में डकैती की अनसुलझी घटनाओं की भी रिपोर्ट तलब की है।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि जल्द ही पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा। सीएम योगी ने अधिकारियों से पूछा कि कैसे लखनऊ में एक हफ्ते में तीन डकैती की घटनाएं हो गईं। अपराधियों का पता लगाएं और उनके खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई करें। अधिकारियों ने सीएम को बताया कि लखनऊ में हुई घटनाएं घुमंतू प्रवृत्ति के शातिर अपराधियों ने की हैं।
पूरे लखनऊ जोन में रात दस बजे से सुबह चार बजे तक पुलिस की गश्त कराई जा रही है। कुछ महत्वपूर्ण सुराग भी मिले हैं। अपराधी जल्द ही गिरफ्तार किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने सहारनपुर में दुर्घटना के बाद डायल 100 द्वारा घायल युवक को अस्पताल न ले जाने की घटना पर भी खासी नाराजगी जताई।
पुलिस इतनी संवेदनहीन कैसे हो सकती है? ऐसी घटनाओं से आम लोगों में पुलिस की छवि खराब होती है। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मथुरा में एक के बाद एक हो रही वारदात पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अपराधियों के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं हो रही है।