पुस्तक व्यापारी से रंगदारी मांगने के मामले में एक आरोपी समीर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दो अभियुक्त गौरव और सौरभ अभी फरार हैं। 12 अगस्त की रात रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। डीआइजी दीपक कुमार ने प्रकरण में प्रभावी कार्रवाई का निर्देश दिया है। कोतवाल नितीश श्रीवास्तव और चौक पुलिस टीम ने छानबीन तेज करते हुए 15 अगस्त को वारदात में शामिल एक युवक समीर को गुदड़ी बाजार चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। चौकी चौक प्रभारी यशवंत द्विवेदी ने बताया कि फरार चल रहे गौरव पांडेय और सौरभ सगे भाई हैं। दो साल पहले धनतेरस के दिन चौक में प्रतिष्ठान में घुसकर कपड़ा व्यापारी की हत्या में मामले में जेल काट रहे वैभव पांडेय के फरार चल रहे अभियुक्त निकट संबंधी हैं। इनकी गिरफ्तारी भी जल्द कर ली जाएगी। व्यापारियों का भयादोहन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगी। पीड़ित व्यापारी अंकित जायसवाल के आवास और प्रतिष्ठान पर भी सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए गए हैं।
लंबे समय बाद सामने आई रंगदारी मांगने की वारदात
संसू, अयोध्या : जिले में रंगदारी का धंधा एक बार फिर सिर उठाने लगा है। जरायम के सहारे ऐशो-आराम की चाह रखने वाले नई उम्र के लड़के अपराधियों के बहकावे में आकर उनकी काली कमाई का जरिया बन रहे हैं। पुस्तक व्यापारी से मांगी गई रंगदारी में शामिल लोगों की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। नामजद गौरव पांडेय ने पहले एक राजनीतिक दल का साथ पकड़ा। बाद में उसकी महत्वाकांक्षा बढ़ती चली गई। ऐसी ही आपराधिक महत्वाकांक्षा रखने वाले इस वारदात के दो अन्य आरोपी हैं, जिन पर दस लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगा है। पीड़ित पक्ष के अंकित जायसवाल की मानें तो आरोपियों को सफेदपोश व अपराधियों का संरक्षण प्राप्त है। गत वर्ष पांच फरवरी को तत्कालीन एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने रंगदारी मांगने वाले गिरोह के दो युवकों नितिन मिश्र और अभिषेक को गिरफ्तार किया था। इन्होंने शहर के आटो मोबाइल व्यापारी, ईंट व्यापारी और एक ठेकेदार से 50-50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। गोसाईंगंज थाना क्षेत्र के एक अपराधी ने तीन साल पूर्व कपड़ा व्यापारी से भी रंगदारी मांगी थी और न मिलने पर उस पर फायरिग की थी।