अपने निर्देशों का पालन नहीं करने पर सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है। शीर्ष अदालत ने उनसे यह बताने के लिए कहा है कि उन्होंने न्यायिक अधिकारियों को पेंशन बकाया और सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान पर दूसरे एसएनजेपीसी की सिफारिशों को क्यों नहीं लागू किया है।
अपने निर्देशों का पालन नहीं करने पर सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है। शीर्ष अदालत ने उनसे यह बताने के लिए कहा है कि उन्होंने न्यायिक अधिकारियों को पेंशन बकाया और सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान पर दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) की सिफारिशों को क्यों नहीं लागू किया है।
प्रधान न्यायाधीश ने कही ये बात
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, मैं देख सकता हूं कि कोई ठोस अनुपालन नहीं हुआ है। उन्हें व्यक्तिगत रूप से हमारे सामने पेश होना होगा या हम उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करेंगे। मामले की सुनवाई कर रही पीठ के अन्य न्यायाधीशों में जस्टिस जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा शामिल हैं।
तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली, असम, नगालैंड, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, झारखंड, केरल, बिहार, गोवा, हरियाणा और ओडिशा के शीर्ष नौकरशाहों को सुनवाई की अगली तारीख पर 27 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट में पेश होना होगा।
शीर्ष अदालत का यह निर्देश तब आया, जब न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे वरिष्ठ वकील के परमेश्वर ने पीठ को बताया कि कई बार आदेश जारी करने और समय दिए जाने के बावजूद 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने आज तक एसएनजेपीसी की सिफारिशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया है।
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