नई दिल्ली : कल रात से पेट्रोल की कीमत में 13 पैसे और डीजल 12 पैसे महंगा हो गया है। लेकिन बड़ी खबर ये है कि कल विएना में तेल निर्यातक देशों ने फैसला किया है कि जनवरी से वो तेल का उत्पादन कम कर देंगे।
अगर ऐसा होता है तो उसके बाद से तेल की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ेंगी। अमेरिका में इस ऐलान के बाद ही कच्चा तेल 10 प्रतिशत महंगा हो गया। दुनिया के तेल निर्यातक देशों के सबसे बड़े संगठन ओपेक (Organization of the Petroleum Exporting Countries) ने तेल के उत्पादन को कम करने का फैसला किया है। ओपेक ने ये फैसला दरअसल तेल की गिरती कीमतों को फिर से बढ़ाने के मकसद से किया है।
वियना में ओपेक के अध्यक्ष डॉक्टर मोहम्मद बिन सालेह ने कहा कि अगले साल जनवरी से कच्चे तेल के उत्पादन में हर दिन 12 लाख बैरल की कमी की जाएगी। जिसका मतलब ये होगा कि अगले साल से इन देशों में प्रति दिन 325 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन ही होगा। ओपेक के इस एलान के साथ ही अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतों में करीब 10 फीसदी का इजाफा हो गया है।
दरअसल पिछले दो सालों में तेल की कीमतों में प्रति बैरल 100 डॉलर से भी नीचे चली गई थीं। जो अब एक बार फिर बढ़ना शुरू होंगी। इसका सीधा असर भारत पर होगा। क्योंकि भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है। इसमें से सबसे ज्यादा आयात ओपेक के सदस्य देशों सऊदी अरब और इराक से होता है। कच्चे तेल के भाव में एक डॉलर भी बढ़ने का मतलब होता है भारत पर साल भर में 9126 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ। यानी साफ है कि तेल की कीमतें बढ़ीं तो महंगाई भी बढ़ेगी।