सेना अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापना को लेकर एक रैकेट सक्रिय था। रैकेट में शामिल एक अधिकारी को CBI ने घूस लेते हुए पकड़ा तो हड़कंप मच गया। अब सीबीआई जांच में लगी है। माना जा रहा है कि जांच के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने की बात सामने आ सकती है। असंगत तरह से स्थानांतरण करने पोस्टिंग करने को लेकर एक रैकेट की जानकारी मिली है। उक्त रैकेट में लेफ्टिनेंट कर्नल रंगनाथन सुव्रमणि मोनी कार्यरत थे, जो कि अधिकारियों के स्थानांतरण करवाने के बदले में उनसे मोटी रकम ऐंठते थे।अभी-अभी: सोने-चांदी की कीमतों में आया बड़ा बदलाव, चुकाने होंगे…
सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले आरोपी गौरव कोहली को भी पकड़ा है। सीबीआई ने कहा कि ले. कर्नल पर पर नज़र रखी जा रही थी और उनको निजी तौर पर पैसे के बदले तबादले करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन पर आरोप था कि वे स्थानांतरण करवाने की बात कहकर लोगों से लाखों रूपए लेते थे। सीबीआई के अनुसार हवाला रैकेट के माध्यम से 5 लाख रूपए दिए गए थे। कर्नल मोनी 1994 से भारतीय सेना में कार्यरत हैं। सेना द्वारा अब उनकी भूमिका को लेकर जांच की जा रही है। कर्नल मोनी की पोस्टिंग सेना मुख्यालय में है।
जब उन्होंने बेंगलुरू में पदस्थ एक अधिकारी से किसी कार्य के लिए घूस की पेशकश की तो उन्हें घूस की रकम लेते समय पकड़ लिया गया। इसके बाद सीबीआई ने इस मामले में जांच प्रारंभ कर दी। सेना का कहना है कि वह जांच के बाद ही कुछ कदम उठाएगी।