उत्तराखंड में पौड़ी के रामलीला मैदान में जिला प्रशासन व स्थानीय निवासियों द्वारा इगास पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी ने प्रतिभाग किया। वहीं,इस उत्सव में क्षेत्रीय जनता ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस दौरान उपस्थित लोगों ने सांस्कृतिक जागरूकता और स्थानीय परंपराओं के प्रति प्रेम को प्रकट किया।
उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक “भैलो” खेल
बता दें कि जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान द्वारा वर्ष 2022 में ‘इगास पर्व’ को व्यापक स्तर पर मनाने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद से यह उत्सव हर वर्ष जोश और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। इस उत्सव के दौरान क्षेत्रीय लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। इसी के साथ ही कार्यक्रम में लोक रंग की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई। वहीं,जिला प्रशासन के सहयोग से स्थानीय लोगों द्वारा इगास पर्व धूमधाम से मनाया गया। यह पर्व दीपावली (बग्वाल) के ठीक 11 दिन बाद मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान “भैलो” खेल का आयोजन भी किया गया, जो उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। भैलो खेल के माध्यम से स्थानीय निवासियों ने अपनी संस्कृति को सहेजने और बनाए रखने का संदेश दिया।
सादगीपूर्ण तरीके से मनाया गया लोकपर्व ईगास
वहीं,स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी ने कहा कि उत्तराखंड में लोगों की जागरूकता और युवा समाज ने इन्हें नई ऊर्जा देने का काम किया है। यही वजह है कि आज की युवा पीढ़ी में इन लोक पर्वों के प्रति बेहद आकर्षक नजर आ रहे। उन्होंने कहा कि यह पर्व पूरे क्षेत्र में बच्चों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों व प्रवासियों के लिए एक साथ उत्सव मनाने का अवसर होता है। जिसका लोग वर्षभर इंतजार करते हैं। वहीं इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने कहा कि इगास पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। साथ ही कहा कि लोकपर्व ईगास सादगीपूर्ण तरीके से मनाया गया।