लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत और चंद रोज में भाजपा की सरकार बनते देख पुलिस के अधिकारियों ने भी अपना रूख बदल लिया है। अभी तक जो पुलिस गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी नहीं कर पा रही थी, उसी पुलिस ने मंगलवार को अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री की तलाश में मंगलवार को छापेमारी तेज कर दी। पुलिस ने गैंगरेप मामले में आरोपी गायत्री प्रजापति के तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में दो आरोपी पहले ही गिरफ्तार किये जा चुके हैं। पुलिस ने गायत्री के दो बेटों को भी हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ करने में लगी है।
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि गैंगरेप के मामले में मंगलवार को गौतमपल्ली पुलिस ने नामजद तीन आरोपियों अमरेन्द्र उर्फ पिंटू, विकास वर्मा और रूपेश को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों को गौतमपल्ली थाने में रखा गया है। इसके अलावा पुलिस ने मंत्री गायत्री के दो बेटों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। फिलहाल अभी तक इस मामले में मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस लगातार गायत्री की तलाश में छापेमारी कर रही है। पुलिस ने गायत्री की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से एनबीडब्लू भी हासिल कर रखा है। इस मामले में कुछ दिन पहले भी पुलिस ने गायत्री के पीए अशोक तिवारी और गनर चंद्रपाल को गिरफ्तार किया था।
यह है पूरा मामला
18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री के खिलाफ लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में गैंगरेप का केस दर्ज किया गया था। चित्रकूट की रहने वाली एक महिला ने गायत्री और उनके साथियों पर खनन का पट्टïा दिलाने के नाम पर गैंगरेप और बेटी के साथ छेडख़ानी करने का गंभीर आरोप लगाया था। इस पूरे मामले की विवेचना सीओ आलमबाग अमिता सिंह को दी गयी थी। एफआईआर दर्ज होने के बावजूद 27 फरवरी तक गायत्री लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र अमेठी में चुनाव का प्रचार करता रहा। 27 फरवरी को अमेठी का चुनाव खत्म हुआ तो पुलिस को गायत्री की याद आई। एक मार्च के बाद गायत्री को ढूंढने की कवायद तेज हुई लेकिन गायत्री पुलिस के हाथ नहीं लगा। हालांकि पुलिस ने कोशिश की कि चुनाव नतीजों से पहले गायत्री को गिरफ्तार कर ले लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लगा। अब देखना यह है कि नई सरकार के गठन से पहले पुलिस गायत्री को तलाश पाती है या नहीं।