सतारा जिले का प्रतापगढ़ किला समुद्र तल से 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। महाबलेश्वर हिल स्टेशन से महज 24 किमी की दूरी पर स्थित होने की वजह से पिछले कुछ सालों में ये एक बहुत ही लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन चुका है जहां लोग ट्रकिंग के लिए जाते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता और पराक्रम की कहानी बयां करने वाला ये किला और किन मायनों में खास है जानेंगे इसके बारे में।
प्रतापगढ़ किले का इतिहास
आसपास पहाड़ों और गहरी घाटी वाले महाबलेश्वर के नज़दीक प्रतापगढ़ किले की आन, बान, शान छत्रपति शिवाजी महाराज और अफज़ल खां की मुलाकात के समय से ही बरकरार है। मुलाकात से अफज़ल खां, शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित हुआ था और उनकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था लेकिन मौका पाते ही उसने शिवाजी के ऊपर पीछे से वार कर दिया। कपड़ों के अंदर लोहे का कवच होने की वजह से उन्हें किसी तरह की चोट नहीं आई थी। इसके जवाब में शिवाजी महाराज ने हाथों में पहने बाघनाख ने उस पर वार कर उसका पेट चीर दिया था।