आपने बहुत से मंदिर देखें ही होंगे जिनमें मंदिर की प्रतिमा का चेहरा सीधा और सामने की ओर ही सामान्यतः रहता है।

पर आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहें हैं जिसकी देवी की प्रतिमा का चेहरा सीधा नहीं है बल्कि घुमा हुआ है। ऐसा क्यों है इसके पीछे कई प्रकार की वजह लोग बताते हैं। पर हम यहां आपको बता रहें वह मुख्य वजह जो की स्थानीय लोगों से सबसे ज्यादा सुनी जाती है। आइये जानते हैं इस मंदिर और इसकी प्रतिमा के बारे में।
यह मंदिर राजस्थान के आमेर में बना हुआ है, राजस्थान अपनी वास्तु कला और अपने उत्कृष्ट निर्माण की वजह से वैसे ही आज दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण शहंशाह अकबर के समय में उनके नौ रत्नों में से एक “राजा मान सिंह” ने कराया था जो की राजस्थान के ही निवासी थे। राजा मान सिंह के विषय में कहा जाता है कि वह मां काली के बहुत बड़े भक्त थे। एक बार उनके मन में मां काली का मंदिर बनवाने का ख्याल आया तो उन्होंने ही इस मंदिर का निर्माण कराया था।
इसलिए घुमा है देवी प्रतिमा का सिर
यह मंदिर राजस्थान के आमेर में राजा मानसिंह ने बनवाया था, इस मंदिर में उन्होंने सफेद संगमरमर का उपयोग कराया था तथा मां काली की प्रतिमा को बंगाल से मंगवाया था, इससे ही पता लगता है कि इस मंदिर को राजा मानसिंह ने कितने मन से निर्मित कराया था। इस मंदिर में लगी मां काली की प्रतिमा का चेहरा एक ओर घूमा हुआ है।
जिसके बारे में यहां के स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब इस मूर्ति की स्थापना राजा मान सिंह ने कराई थी, तो उन्होंने इस मंदिर में “नरबलि” देने का संकल्प किया था पर वे अपने संकल्प को पूरा नहीं कर सके और एक बकरे की बलि दे दी गई। लोगों का मानना है कि इस वजह से ही माता रुष्ट हो गई और उन्होंने अपना मुंह दूसरी ओर फेर लिया, जो की आज भी वैसा ही है। लोग इस मंदिर में आज भी बड़ी संख्या में आते हैं, नवरात्र में इस मंदिर में काफी भीड़ बढ़ जाती है।
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