10 हजार मजदूर तीनों एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कार्य कर रहे हैं
लखनऊ: अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के क्रम में सरकार स्थानीय स्तर पर 15 लाख लोगों को रोजगार देगी। ये अपने प्रदेश के वे लोग हैं जो दूसरे प्रदेशों में काम करते थे, पर कोरोना के बाद हुए लॉकडाउन के कारण लौट आए हैं या आने वाले हैं। सरकार इस बावत कार्ययोजना बना रही है। पंचायती राज के प्रमुख सचिव मनोज कुमार को निर्देशित किया गया है कि ग्राम प्रधानों के माध्यम से मनरेगा और गांव के विकास के कार्यों को आगे बढ़ाएं। शनिवार को यहां लोकभवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में लेवल 1, लेवल 2 और लेवल 3 के अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने के साथ ही इनको लगातार अपग्रेड किया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार दूसरे प्रदेशों के श्रमिकों को लाने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस क्रम में आज हरियाणा से 82 बसों के जरिए वहां के 16 जिलों से 2224 लोगों को लाया गया। फिलहाल घर जाने के पहले इन सबको तय समय तक क्वारंटाइन सेंटर में रहना होगा। कोरोना का संक्रमण इलाज करने वाले चिकित्साकर्मियों में न फैले इसके लिए हर जिले में अलग से एक-एक टीम बनाई जा रही है। अब तक कोविड फंड में 268 करोड़ रुपए आ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए करीब 10 हजार श्रमिक पूर्वांचल, गोरखपुर लिंक और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लगे हैं। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक 30 लाख क्विंटल गेहूं खरीद चुकी है। 60 से 70 प्रतिशत खरीद किसानों के घर से हुई है। उप्र ऐसा करने वाला पहला राज्य है। कोरोना के अभूतपूर्व संकट के बावजूद फसलों की कटाई में कोई दिक्कत नहीं आई। सरकार लगातार जरूरतमंदों की मदद में लगी है। अब तक 27 लाख 78 हजार श्रमिकों और निराश्रित व्यक्तियों में कुल 280 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं।
एडिशनल सीएमओ के नेतृत्व में इंफेक्शन प्रीवेंशन प्रोटोकॉल टीम का होगा गठन
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के 1504 एक्टिव मामले हैं। 57 जिलों से अब तक कुल 1778 संक्रमण के मामले सामने आए हैं जिनमें से 248 ठीक होकर घर जा चुके हैं। आज मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि अस्पताल सरकारी हो या प्राइवेट, उनमें इनफेक्शन प्रीवेंशन प्रोटोकॉल की पूरी तैयारी हो। इसके लिए हर जिले में इंफेक्शन प्रीवेंशन प्रोटोकॉल को ऑब्जर्व करवाने के लिए एक एडिशनल सीएमओ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया जाएगा। अब हम इस कमेटी के माध्यम से जिलों में ऑनसाइट ट्रेनिंग देंगे।