सोमवार से न्यायालयों में नियमित कामकाज शुरू हो जाएगा। महामारी के चलते 16 महीने से सिर्फ अर्जेंट मामलों में ही सुनवाई हो पा रही थी। इसके चलते लंबित प्रकरणों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में कोरोना नियंत्रित होता देख न्यायालयों में नियमित कामकाज शुरू करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति को कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा।
कोरोना संक्रमण के चलते 19 मार्च 2020 से न्यायालयों का नियमित कामकाज बाधित चल रहा है। इस दौरान सिर्फ अर्जेंट मामलों में ही सुनवाई हुई वह भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने के साथ ही न्यायालयों में नियमित कामकाज शुरू करने की मांग उठने लगी थी। हाल ही में जबलपुर से इस संबंध में आदेश जारी हुए हैं। इसके मुताबिक नौ अगस्त 2021 से नियमित कामकाज शुरू हो जाएगा। अब न्यायालयों में प्रत्यक्ष (आमने-सामने) और वर्चुअल (वीडियो कांफ्रेंसिंग से) दोनों तरह की सुनवाई होगी। इससे प्रकरणों के निराकरण में सुविधा मिलेगी।
95 प्रतिशत से ज्यादा का हो चुका है टीकाकरण
न्यायालयों का कामकाज शुरू करने से पहले वकीलों, न्यायिक कर्मचारियों का अधिक से अधिक टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए जिला न्यायालय और हाई कोर्ट परिसर में टीकाकरण शिविर आयोजित किए गए। हाई कोर्ट बार तदर्थ कमेटी के उप संयोजक एडवोकेट अमरसिंह राठौर ने बताया कि हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के 97 प्रतिशत सदस्यों का टीकाकरण हो चुका है। इसी तरह जिला कोर्ट में 95 प्रतिशत वकील और न्यायिक कर्मचारी टीका लगवा चुके हैं।
गाइडलाइन का पालन करना होगा
जिला कोर्ट तदर्थ कमेटी संयोजक कमल गुप्ता के मुताबिक पक्षकारों और वकीलों को जिला कोर्ट परिसर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। जो व्यक्ति ऐसा नहीं करेंगे उन्हें परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। तदर्थ कमेटी प्रवक्ता राकेश पाल के मुताबिक नियमित कामकाज बंद होने से वकीलों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। नियमित कामकाज शुरू होने से उन्हें राहत मिलेगी।