 
भातखंडे संगीत सम विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति पूर्णिमा पाण्डेय को संगीत नाटक अकादमी का अध्यक्ष बनाया गया है। गोरखपुर के रवि शंकर खरे को भारतेंदु नाट्य अकादमी के अध्यक्ष के पद पर आसीन किया गया है। बरेली के राजेंद्र सिंह पुंडीर को राज्य ललित कला अकादमी का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय कथक संस्थान में लखनऊ की शिखा खरे के साथ चार सदस्यों की नियुक्ति हुई है। लखनऊ में करीब डेढ़ वर्ष से अकादमी में अध्यक्षों व उपाध्यक्षों के पद खाली पड़े थे। जिसके कारण प्रशासनिक तथा विकास का काम काफी धीमी गति से हो रहा था।
संस्कृति विभाग ने संगीत नाटक अकादमी (एसएनए) के साथ भारतेंदु नाट्य अकादमी(बीएनए), राज्य ललित कला अकादमी व राष्ट्रीय कथक संस्था में सदस्यों को भी नियुक्त किया गया है। एसएनए में झांसी के डॉ. धन्नुलाल गौतम को उपाध्यक्ष, ललित कला अकादमी में सीताराम कश्यप को उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया है। राष्ट्रीय कथक संस्थान में राजधानी की शिखा खरे, आगरा की नीलू शर्मा, मुरादाबाद की रुकमणि खन्ना, वाराणसी के विशाल को सदस्य बनाया गया है।
एसएनए में दस सदस्य बनाए गए
संगीत नाटक अकादमी में दस सदस्य बनाए गए है। जिसमें प्रतापगढ़ के बच्चा बाबू वर्मा, कानपुर की डॉ. गीता मिश्रा, गोरखपुर के डॉ. शरदमणि त्रिपाठी, हापुड़ की जया शर्मा, सीतापुर के कमलेश मौर्य, आगरा के केशव तलेगॉवकर, वाराणसी के बांसुरी वादक डॉ. राजेंद्र प्रसाद, लखनऊ की शोभा कोदेशिया, गाजियाबाद के हरिदत्त शर्मा, वाराणसी के गायक दरपक कुमार सिंह शामिल हैं।
राज्य ललित कला अकादमी में छह सदस्य बनाए गए हैं जिसमें चित्रकूट के देवेंद्र त्रिपाठी, गोरखपुर के डॉ. भारत भूषण, वाराणसी के डॉ. सुनील विश्वकर्मा, श्रावस्ती के दिनेश प्रताप सिंह, मऊ के अमित कुमार व गाजियाबाद के श्याम शर्मा शामिल हैं। भारतेंदु नाट्य अकादमी में पांच सदस्य बनाए गए हैं जिसमें लखनऊ के पुनीत अस्थाना, आगरा के केशव पंडित, बांदा के देवीदीन पाल, इलाहाबाद के अलोक रस्तोगी, आजमगढ़ के प्रो. शिवनाथ राम शामिल हैं।
बरेली कॉलेज के ललित कला विभाग के रिटायर्ड हेड डॉ. राजेंद्र सिंह पुंडीर उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी संभालेंगे। योगी सरकार ने उनको अकादमी का अध्यक्ष बनाया है। अकादमी के अध्यक्ष को राज्यमंत्री का दर्जा है। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद डॉ. पुंडीर ने कहा कि ललित कला आज बहुत सीमित हो गई है। अब समाज और राष्ट्र से जोड़ेंगे। मंडल स्तर पर अकादमी की यूनिट बनाएंगे। कॉलेज व स्कूलों में ललित कला को बढ़ावा देंगे। प्रतिभाओं को मौका देंगे और नई प्रतिभाएं तैयार करने का काम करेंगे। इसके लिए प्रभावी प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे।
मूल रूप से अलीगढ़ के निवासी डॉ. राजेंद्र सिंह पुंडीर 1968 में जब हाईस्कूल के छात्र थे तब से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। एबीवीपी में रहते अलीगढ़ के डीएस कॉलेज में छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। इस दौरान एबीवीपी के अलीगढ़, कानपुर और आगरा क्षेत्रों में संगठन मंत्री रहे। फाइन आर्ट में पीएचडी और डीलिट करने के बाद 1980 से 1999 तक डीएस कॉलेज अलीगढ़ में कार्यरत रहे। इसके बाद बरेली कॉलेज में स्थानांतरित हुए। यहां ललित कला विभाग में 2012 तक विभागाध्यक्ष रहकर रिटायर्ड हुए। इस विभाग की मौजूदा अध्यक्ष डॉ. मंजू सिंह उनकी पत्नी हैं। डॉ. पुंडीर ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, हिंदू जागरण मंच में भी काम किया है। वह वर्तमान में विश्व हिंदू परिषद के ब्रज प्रांत संपर्क प्रमुख हैं।
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