लखनऊ. अक्सर जब हमें कोई चीज़ नहीं मिल पाती तो हम नए-नए तरीकों से उसे पाने का प्रयास करते हैं और अपना मन बहलाते हैं। जैसे कि हॉस्टल में लड़के फ़िल्म की हीरोइन के पोस्टर लगा कर ये मान लेते हैं कि वो हीरोइन उन्हीं के साथ रहती है। उत्तर प्रदेश के लोग भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। NDTV के पत्रकार रवीश कुमार ने यूपी में होने वाले चुनाव के लिए एक सर्वे कराया कि कौन सी जाति किस पार्टी को वोट देगी। उस सर्वे में एक अजीब बात ये सामने आयी कि यूपी में 30% लड़कों के नाम या तो ‘विकास’ हैं या फिर ‘प्रकाश’। उसी तरह 25% लड़कियों के नाम या तो ‘बिजली’ या फिर ‘दामिनी’ पाये गये।
इससे रवीश ने निष्कर्ष निकाला- चूँकि उत्तर प्रदेश विकास के मामले में काफी पिछड़ा है और लोगों घरों में घंटों बिजली नहीं आती तो उन्होंने अपने बच्चों के नाम ‘विकास’, ‘प्रकाश’, ‘बिजली’ आदि रख दिए जिससे कि वो अपना मन बहला सकें। रवीश ने इस मुद्दे पर यूपी के काफी लोगों से बात की। अमेठी के एक सरपंच ने उन्हें बताया कि एक बार प्रियंका गाँधी यहाँ चुनाव प्रचार के लिए आईं और अचानक अपने भाषण में पूछने लगीं कि “इतने सालों में यहाँ विकास क्यों नहीं हुआ? यहाँ विकास कहाँ है? कहाँ है विकास?” तो पीछे से उनकी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने कहा कि “मैडम विकास मेरा बेटा है, पानी लेने गया है, आता ही होगा।”
इसके बाद रवीश ने गाज़ियाबाद के एक पार्क में स्कूल से बंक मार कर बैठे कुछ छात्रों से भी बात की, जिनमें से पांच में से तीन छात्रों का नाम प्रकाश था। उनमें से एक प्रकाश ने बताया कि, “मेरी कक्षा में 11 विकास और 9 प्रकाश हैं, मास्टर जी को पता ही नहीं चलता कि कौन सा प्रकाश आया है और कौन सा नहीं, इसलिए हम आसानी से बंक मार लेते है और प्रॉक्सी लगवा लेते है।”
जैसे ही रवीश की ये रिपोर्ट सामने आयी, यूपी की समाजवादी पार्टी की सरकार सकते में आ गयी। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा, फूफा और मौसा पार्टी के सरदार मुलायम सिंह यादव से मिलने दिल्ली पहुंचे। मुलायम ने सबसे मिलने के बाद कहा कि, “विकास मंत्रालय चाचा और बिजली मंत्रालय फूफा के पास रहेगा। जो मौसा नाराज़ चल रहे थे, उन्हें समोसा खिलाकर मना लिया गया है। हमारे प्रदेश में भले ही कोई समस्या हो लेकिन हमारे यादव परिवार में अब कोई समस्या नहीं है और परिवार में सभी खुशहाल हैं।”