कई बैंकों ने कर्ज के भुगतान में चूक करने वाली कंपनियों के प्रमोटर्स की पर्सनल गारंटी को भुनाने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख किया है। बैंकिंग सेक्टर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जैसे प्रमुख बैंकों ने Punj Lloyd (3,000 करोड़ रुपये) के अतुल पूंज, भूषण पावर एंड स्टील (47,150 करोड़ रुपये) के संजय सिंघल और DHFL (79,000 करोड़ रुपये) के Wadhawans सहित 17 बड़े डिफॉल्डर्स के प्रमोटर्स की पर्सनल गारंटी को भुनाने के लिए NCLT की विभिन्न पीठ का रुख किया है।
सूत्रों ने कहा है कि बैंकों ने इस बाबत निर्णय किया है कि पर्सनल गारंटी भुनाने के लिए केवल लीड लेंडर NCLT जाएगा।
सूत्रों ने इस बात का खुलासा किया है कि बैंकों ने कुछ बड़े नामों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की है। इनमें Coastal Projects Ltd के सब्बिनेनी सुरेंद्र (4,700 करोड़ रुपये), Amtek Auto (12,650 करोड़ रुपये) के अरुण धाम, ABG Shipyard (1,800 करोड़ रुपये) के ऋषि अग्रवाल, Videocon (22,000 करोड़ रुपये) के वेणुगोपाल धुत, Varun Shipping (4,000 करोड़ रुपये) के युधिष्ठिर खेतान, Lanco (11,000 करोड़ रुपये) के एल मधुसूदन राव और DMI Finance Limited (2,953 करोड़ रुपये) के आर एम गर्ग शामिल हैं।
इन सभी मामलों में बैंकों ने NCLT की दिल्ली, अहमदाबाद, कोलकाता और मुंबई पीठों में Application दिए हैं। एक अनुमान के मुताबिक शीर्ष 10 व्यक्तिगत गारंटर ने 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गारंटी दे रखी है।
गौरतलब है कि सरकार ने वर्ष 2019 के 15 नवंबर को एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नोटिफिकेशन के जरिए सरकार ने लेंडर्स (आम तौर पर वित्तीय संस्थान और बैंकों) को इंसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी) के तहत कर्ज को लेकर व्यक्तिगत गारंटी देने वालों के खिलाफ कदम उठाने को कहा था।
सरकार की इस अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट ने 21 मई, 2021 को वैध ठहराया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्टेट बैंक एवं अन्य बैंकों ने विभिन्न डिफॉल्टर्स के प्रमोटर्स की पर्सनल गारंटी को भुनाने के लिए NCLT और हाई कोर्ट का रुख किया है।