नई दिल्ली : प्रेग्नेंसी के दौरान कई ऐसी समस्याएं होती हैं, जो सामान्य लग सकती हैं, लेकिन इन्हें गंभीरता से लेना चाहिए। वरना मिसकैरेज होने की संभावना बनी रहती है।

स्वेलिंग-हाई बीपी
अगर प्रेग्नेंट महिला के पैरों में स्वेलिंग यानी सूजन आ गई हो, तो तुरंत बिना देर किए चिकित्सक को दिखाएं और भोजन में नमक बंद कर दें। अकसर प्रेग्नेंट महिला को तीसरे महीने मे कुछ परेशनियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे पेट में दर्द या पेट में सूजन होना। यूरीन अधिक मात्रा में आना और ब्लडप्रेशर का बढ़ना भी इसमें शामिल है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से दी जाने वाली दवाओं का सेवन करना चाहिए।
बच्चे की मूवमेंट
अगर गर्भ में बच्चा मूवमेंट नहीं कर रहा है तो ऐसे में डॉक्टर्स का मानना है कि बच्चे को सही तरह से हवा या आॅक्सीजन नहीं मिल रही है। इसलिए बच्चे की गति पर ध्यान जरूर दें। अगर गति में कुछ अलग तरह का परिवर्तन लगे, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
वॉमिटिंग-वीकनेस
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपको बार-बार वॉमिट हो रही है, तो यह आपकी कमजोरी का संकेत है। साथ ही इससे कुपोषण का शिकार होने की संभावना भी हो जाती है। इस वजह से शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है। इसलिए आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। वह आपको ऐसे आहार लेने के बारे में सलाह दे सकते हैं, जो आपके और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा।
फ्लू-फीवर
यह बात सही है कि फ्लू की संभावना प्रेग्नेंट महिलाओं को अधिक होती है। जिसके मुख्य लक्षण हैं, कमजोरी आना, नाक बहना, सर्दी लगना, गला दर्द करना और दस्त लगना। ऐसे में डॉक्टर से चेकअप कराएं। तेज बुखार आना और यूरीन से ब्लीडिंग होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
कब्ज की समस्या
प्रेग्नेंसी के समय अगर कब्ज से परेशानी हो रही हो, तो ताजी हरी सब्जियां, अमरूद और फलियों का सेवन करें। ताजे फलों का सेवन करें। अंकुरित दालों जैसे चना, मूंग जिनमें विटामिन बी और सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इनका सेवन जरूर करती रहें। अगर दिन और रात के भोजन के समय पेट भरा सा लग रहा हो तो थोड़ा-थोड़ा करके दिन में कई बार कुछ न कुछ खाती रहें।
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