लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गुड़म्बा क्षेत्र में शनिवार रात एक कमरे में प्रेमी युगल के खून से लथपथ शव मिले। युवती की गला काटकर हत्या की गई थी और युवक की गर्दन पर चाकू घोंपने का निशान था। कमरे की दीवारों पर खून के छींटे थे। पास में खून से सना चाकू पड़ा था। कमरे में मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने युवक द्वारा प्रेमिका की गला काटकर हत्या के बाद अपनी गर्दन पर चाकू घोंपकर खुदकुशी का अंदेशा जताया।
हालांकि कमरे के हालात और दरवाजा खुला होने पर पुलिस अफसरों ने हत्या की संभावना से भी इन्कार नहीं किया है। पुलिस अधीक्षक ट्रांसगोमती अमित कुमार ने बताया कि गुड़म्बा कल्याणपुर के आलोकनगर में पूर्व फौजी दान सिंह के मकान के प्रथम तल के कमरे में युवक व युवती के खून से लथपथ शव बिस्तर पर पड़े मिले। दान सिंह की पत्नी तारा ने पुलिस को सूचना दी। शव की शिनाख्त किरायेदार राकेश यादव और उसकी पत्नी शिवानी के रूप में की। बताया कि बाराबंकी के कुर्सी थाने के गांव मित्तई का मूल निवासी राकेश केजीएमयू में संविदा पर वाहन चालक था।
उसने आठ महीने पहले 1500 रुपये मासिक पर कमरा किराये पर लिया था। उसकी पत्नी शिवानी दुबे विकासनगर के कैरियर गल्र्स हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थी और कभी कभार दिन में दो चार घंटे के लिए पति के साथ उसके कमरे में रहती थी। घटना की सूचना पर एसएसपी कलानिधि नैथानी मौके पर पहुंचे। क्षेत्राधिकारी दीपक कुमार सिंह, स्वाट टीम प्रभारी अंजनी कुमार पांडेय, प्रभारी निरीक्षक रवींद्र कुमार राय को छानबीन के आदेश दिए। ऑनर किलिंग व किसी अन्य कारण से हत्या की आशंका के चलते फोरेंसिक टीम बुलाकर जांच कराई।
कमरे से मिले सुसाइड नोट की लिखावट का मिलान कराने को कहा। पुलिस ने खुदकुशी की वजह व अन्य कारणों की तहकीकात शुरू की। पता चला कि राकेश ने विकासनगर के सेक्टर.3 निवासी शिवानी दुबे से डेढ़ साल पहले शादी की थी। हालांकि शिवानी अपने परिवार से यह राज छिपाए थी। प्रभारी निरीक्षक ने दोनों के मोबाइल फोन से परिवारीजनों को संपर्क किया। विकासनगर के सेक्टर.3 निवासी अजय नारायण दुबे ने बताया कि स्नातक की छात्रा शिवानी सुबह 10 बजे सौ रुपये लेकर कॉलेज जाने की बात कहकर घर से निकली थी।
देर शाम तक न लौटने पर कॉल की। मोबाइल फोन बंद होने पर तलाश करने जा ही रहे थे कि पुलिस का फोन आ गया। वे परिवारीजन के साथ विकासनगर थाने पहुंचे। अजय नारायण ने शिवानी की शादी की जानकारी से भी इनकार किया। बाराबंकी से पहुंचे राकेश के भाई अयोध्या प्रसाद यादव ने बताया कि परिवारीजन की मर्जी के खिलाफ राकेश ने शादी की थी और किराये पर रहकर केजीएमयू के किसी अधिकारी की गाड़ी चलाता था।
वेतन मिलने में देरी से तंगहाली का शिकार था। मकान मालिक दान सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि राकेश ने तीन महीने से किराया नहीं दिया थाए लेकिन वेतन मिलने पर एकमुश्त भुगतान कर देता था। तारा ने पुलिस को बताया कि वह देर शाम बेटी के साथ बाजार जाने की तैयारी में थीं। इस दौरान वह प्रथम तल पर शिवानी का हाल जानने चली गईं। उन्होंने दोपहर 1.30 बजे दोनों को घर आते देखा था। भीषण गर्मी में कूलर बंद होने पर माजरा जानने को दरवाजे को धक्का मारा तो नजारा देखकर होश उड़ गए। बिस्तर पर दोनों के खून से लथपथ शव थे। इस पर उन्होंने शोर मचाकर बेटी व अन्य लोगों को बुलाया और पुलिस को फोन किया।