लंदन| गर्भवती महिलाएं प्लास्टिक रसायनों के संपर्क में न आएं, क्योंकि इससे गर्भावस्था व स्तनपान के दौरान बच्चों में अस्थमा का खतरा बढ़ सकता है। इन रसायनों को थलेट्स के नाम से जानते हैं। यह हमारे शरीर में त्वचा, खाद्य पदार्थो या श्वसन के जरिए पहुंच सकते हैं और हमारी हार्मोन प्रणाली पर प्रभाव डाल सकते हैं। इनका हमारे उपापचय या प्रजनन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
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जर्मनी के हेलम्होट्ज विश्वविद्यालय के पर्यावरणीय इम्यूनोलॉजिस्ट टोबाइस पोलते ने कहा, “हमारे शोध के नतीजे बताते हैं कि थलेट्स हमारे प्रतिरोधक प्रणाली में दखल देते हैं और एलर्जी पैदा होने के खतरे को खास तौर पर बढ़ा देते हैं।”
शोध के लिए दल ने गर्भवती महिलाओं के मूत्र की जांच की और नवजात पर एलर्जी के प्रभाव को भी देखा गया।
इस शोध का प्रकाशन पत्रिका ‘एलर्जी एंड क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी’ में किया गया है।
हेलम्होल्ट्ज केंद्र के पर्यावरणीय शोध के इरिना लेहमन ने कहा, “मां के मूत्र में बेंजिलब्यूटिलथलेट (बीबीपी) के मेटाबोलाइट में उच्च मात्रा और उनके बच्चों में एलर्जी अस्थमा की मौजूदगी के बीच सीधा संबंध पाया गया।”
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